नई दिल्ली। ताज महल से एक किलोमीटर दूरी पर ताज संरक्षित क्षेत्र में बन रही मल्टी लेबल पार्किंग ढहाने के अपने आदेश के खिलाफ यूपी सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया। इसका मतलब ये है कि अब न तो पार्किंग ढहाई जाएगी और ना ही उसका आगे निर्माण होगा।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार की क्या नीति है। कोर्ट ने सरकार की खिंचाई करते हुए पूछा कि ताजमहल पर क्या नीति है। एक दिन 10 पेड़ काटने की इजाज़त मांगी जाती है, दूसरे दिन 100 पेड़ की। कोर्ट ने यूपी सरकार को दो सप्ताह में ताज संरक्षित क्षेत्र के बारे में समग्र नीति पेश करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई तीखे सवाल किए।
गौरतलब है कि यूपी सरकार के पर्यटन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ताजमहल से एक किलोमीटर दूर पूर्वी द्वार पर ताज संरक्षित क्षेत्र में मल्टी लेबल पार्किंग बनाने के लिए 11 पेड़ काटने की इजाजत मांगी थी। गत मंगलवार को यह याचिका जब सुनवाई पर आई तो राज्य सरकार की ओर से पैरोकारी के लिए कोई वकील पेश नहीं हुआ।
ऐसे में कोर्ट ने राज्य की ओर से याचिका पर पक्ष रखने के लिए किसी के भी मौजूद न होने पर उसे खारिज कर दी। साथ ही ताज संरक्षित क्षेत्र में बन रही पार्किंग को ढहाने का आदेश पारित कर दिया। हालांकि बाद में यूपी सरकार ने कोर्ट में एक और याचिका दायर कर मामले में जल्द सुनवाई और आदेश को वापस लेने की मांग की, जिस पर आज सुनवाई हुई।