नई दिल्ली।ब्लैक ईगल पब्लिकेशन, यूएसए से प्रकाशित प्रो. नंदिनी साहू की पुस्तक “शेडिंग द मेटाफ़ोर्स” का विमोचन दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक वाइस रीगल लॉज में किया गया। इग्नू में अंग्रेजी की प्रो.फेसर नंदिनी साहू द्वारा लिखित इस पुस्तक में अंग्रेजी की बारह लघु कहानियां हैं। डीयू कुलपति ने अनेकों गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में इस पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह एक विलक्षण पुस्तक है। कुलपति ने कहा कि उनके लिए यह देखना आकर्षक का कारण था कि कैसे एक लेखक ने मानवीय भावनाओं को इतने आकर्षक ढंग से समझा। उन्होने लेखक के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि बेहद पारंपरिक और पूरी तरह से ग्रामीण पृष्ठभूमि में शिक्षित होने के बावजूद लेखक की उपलब्धियां सराहनीय हैं। कुलपति ने कहा कि अतीत और वर्तमान ही नहीं बल्कि भविष्य की सोच वाली यह पुस्तक बहुत ही रोचक और पठन योग्य एक उत्कृष्ट उपन्यास है।
पुस्तक की लेखक प्रो.फेसर नंदिनी साहू ने पुस्तक के विमोचन के लिए कुलपति और दिल्ली विश्वविद्यालय के अन्य सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। अपनी पुस्तकों के निर्माण और सफलता में पाठकों की भूमिका को स्वीकार करते हुए, “लेखक की मृत्यु” का हवाला देते हुए प्रो. साहू ने कहा कि “पुस्तक लिखने के बाद, यह अब लेखक की नहीं है। किताब पाठकों की है।” उन्होंने प्रो. राज कुमार को कहानियों को गंभीरता से पढ़ने के लिए, प्रो. अनेजा को कार्यक्रम के संचालन में उनकी पेशेवर सटीकता के लिए, और माननीय कुलपति को उनके समय और पुस्तक के लॉन्च के लिए सहयोग के साथ-साथ अन्य अकादमिक व्यक्तियों को का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल अनेजा ने अपने संबोधन में प्रो. नंदिनी साहू को उनके महत्वपूर्ण टाइटल के विमोचन हेतु डीयू को चुनने के लिए धन्यवाद दिया। प्रो. साहू की साहित्यिक गतिविधियों के बारे में बात करते हुए प्रो. अनेजा ने भारत में अंग्रेजी अध्ययन में उनके योगदान पर प्रकाश डाला। प्रो. अनेजा ने कहा कि लोक कथाओं को सामने लाने में प्रो. साहू का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पुस्तक के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी पुस्तक है जिसमें अलग-अलग विषयों की कहानियां हैं लेकिन ये कहानियां आपस में एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।
प्रो. राज कुमार ने पुस्तक में संकलित कहानियों के विभिन्न विषयों का बहुत ही बारीकी से व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि इन कहानियों को लिखकर नंदिनी ने उस मानव जीवन, समाज, इतिहास और सभ्यता के कुछ दुर्लभ क्षणों को कैद करने की कोशिश की है, जिसका हम सभी हिस्सा हैं। पुस्तक पर आगे चर्चा करते हुए प्रो. राज कुमार ने कहा कि इन कहानियों में प्रेम, हानि, जीवन, सौंदर्य, दोस्ती, लालसा, अपनापन, विश्वासघात, समुदाय, कामुकता, पहचान, शांति, सद्भाव और मानवता आदि कुछ प्रमुख विषय हैं। इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कि सभी कहानियाँ वास्तविक जीवन की घटनाओं और स्थितियों पर आधारित, उन्होंने कहा कि नंदिनी एक उत्कृष्ट कहानीकार हैं। प्रो. राज ने कहा कि नंदिनी में चरित्रों के नामकरण की चुनौती लेने का साहस है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणि ने अपने संबोधन में पुस्तक की प्रशंसा करते हुए उम्मीद जताई कि यह पुस्तक निश्चित रूप से साहित्य जगत को तरंगित करेगी। इस अवसर पर दक्षिणी दिल्ली परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, पीआरओ अनूप लाठर, प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी, प्रो. रत्नाबली, प्रो. निरंजन कुमार आदि सहित अनेकों शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।