नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक नई पहल करते हुए समय की मांग के अनुरूप पेटेंट पर एक सर्टिफिकेट कोर्स “सर्टिफिकेट कोर्स ऑन पेटेंट” की शुरुआत की है। कोर्स का शुभारंभ विश्वविद्यालय के वाइस रीगल लॉज के अकादमिक परिषद हॉल में बुधवार, 17 मई को किया गया। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजज प्रो. बलराम पाणी, टीआईएफ़सीए के कार्यकारी निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, आईपीआर के अध्यक्ष प्रो. डीएस रावत और रिसर्च काउंसिल की चेयरपर्सन प्रो. दमन सलूजा ने कोर्स के ब्रोशर का विमोचन भी किया। प्रो. बलराम पाणी ने मुख्यातिथि के तौर पर बोलते हुए कहा कि पेटेंट के क्षेत्र में भी कैरियर की काफी संभावनाएं हैं।
प्रो. पाणी ने कोर्स डिजाइन करने एवं इसे लॉंच करने के लिए रिसर्च काउंसिल को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के कोर्स विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय के लिए बहुत जरूरी हैं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर बोलते हुए टीआईएफ़सीए के कार्यकारी निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीवास्तव ने पेटेंट को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय की यह पहल बहुत ही सराहनीय है। वर्तमान समय में बौद्धिक संपदा के अधिकारों के प्रति जागरूकता की बहुत जरूरत है। उन्होने कहा कि इसके लिए हमें पेटेंट से जुड़े सभी उपकरणों के बारे में ज्ञान होना चाहिए। ऐसे कोर्स इस दिशा में बहुत ही सार्थक कदम हैं।
कार्यक्रम के आरंभ में दिल्ली विश्वविद्यालय, रिसर्च काउंसिल की चेयरपर्सन प्रो. दमन सलूजा द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। उन्होंने कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस कोर्स का उद्देश्य विद्यार्थियों को बौद्धिक संपदा, विशेष रूप से पेटेंट के निर्माण, संरक्षण, व्यवसायीकरण और मूल्यांकन की आवश्यकता से परिचित कराना है। इस कोर्स का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस्ड रोबोटिक्स, जैव प्रौद्योगिकी, नैनो-प्रौद्योगिकी, सीआरआई (कंप्यूटर से संबंधित आविष्कार) और दूरसंचार जैसी बढ़ती प्रौद्योगिकियों में उभरती हुई पेटेंट प्रवृत्तियों और इसके साथ कानून बनाने वालों तथा अन्य हितधारकों के लिए आने वाली असंख्य कानूनी और व्यावहारिक चुनौतियों के लिए पेटेंट मुद्दों की व्याख्या करना भी है। कार्यक्रम के अंत में कोर्स कोर्डीनेटर डॉ. अश्विनी सिवाल द्वारा धन्यवाद ज्ञपित किया गया। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजज प्रो. बलराम पाणी, आईपीआर के अध्यक्ष प्रो. डीएस रावत, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्रीप्रकाश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, रिसर्च काउंसिल की चेयरपर्सन प्रो. दमन सलूजा, डॉ. अश्विनी सिवाल, विभिन्न संकायों के डीन, अधिकारी, विभिन्न विभागों के प्रमुख एवं अनेक शिक्षक भी उपस्थित थे।