रांची। झारखंड में जिन स्थलों पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम
(मनरेगा) के तहत परियोजनाओं पर काम जारी है, वहां केवल 25 प्रतिशत कर्मचारी पाए गए। सरकारी लेखा परीक्षा
रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में ऐसे मामलों का भी जिक्र किया गया है कि कुछ ऐेसे लोगों को स्थलों पर काम करते पाया गया, जिनके
नाम हाजिरी रजिस्टर (मस्टर रोल) में नहीं थे।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समवर्ती सामाजिक लेखा परीक्षा के दौरान जारी कुल हाजिरी रजिस्टर के अनुसार,
कार्यस्थलों पर 1,59,608 कर्मचारी होने चाहिए थे, लेकिन केवल 40,629 (25.45 प्रतिशत) कर्मचारी कार्यस्थलों पर
काम करते हुए वास्तव में पाए गए।’’
झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की समवर्ती सामाजिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट 2021-2022 में कहा गया है
कि हाजिरी रजिस्टर में 1,787 लोगों के नाम नहीं पाए गए, लेकिन वे कार्यस्थलों पर काम कर रहे थे।
इसमें कहा गया है कि लेखा परीक्षा के दौरान सभी 24 जिलों के 1,118 पंचायती इलाकों में कुल 29,059
योजनाओं का सत्यापन किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दो चरणों में की गई लेखा परीक्षा अक्टूबर 2021 में पूरी हुई। पहले चरण में 500
पंचायतों और दूसरे चरण में 743 पंचायतों की लेखा परीक्षा की गई।