चाईबासा। खनन क्षेत्र में सिर्फ पश्चिम सिंहभूम जिले में सरकार को 36 सौ करोड़ का चूना लगाया गया है। इतने बड़े घोटाले के बाद भी कार्रवाई तो दूर जांच तक नहीं हुई। यह सनसनीखेज खुलासा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने चाईबासा परिसदन में किया। उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मंत्री ने बताया कि वर्ष 2013 में शाह कमीशन की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन जिला खनन अधिकारी अजीत कुमार ने 63 सौ करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। वर्तमान जिला खनन पदाधिकारी कमलेश्वरी दास ने इस राशि को घटाकर 27 सौ करोड़ रुपये कर दिया। इस बाबत जब उन्होंने जिला खनन पदाधिकारी कमलेश्वरी दास से पूछा कि किसके आदेश पर ऐसा किया गया तो अधिकारी ने उन्हें बताया कि इंडियन ब्यूरो आफ माइंस की गाइड लाइन पर स्वयं ऐसा फैसला लिया। मंत्री सरयू राय के अनुसार, इस तरह का बदलाव करने का अधिकार सिर्फ विभागीय मंत्री को ही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देखा जा रहा है कि चार हजार करोड़ रुपये की पेनाल्टी खनन कंपनियों ने भरी है। लेकिन जिसने पेनाल्टी नहीं भरी वह पहले वाले चालान से ही खनन का काम कर रही हैं। इस पर सरकार सख्त कार्रवाई करे। माइन्स को ही बंद कर देना चाहिए। चालान नहीं निर्गत करना समस्या का हल नहीं है। किसी कंपनी को बचाने के लिए लचीला नियम बना दिया जाता है। इस पर बड़ी खनन कंपनियां कोर्ट का सहारा लेकर आसानी से निकल जाती हैं।