नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को यहां पर्यावरण, वन और
जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का कार्यभार संभालते हुए इसे अपनी घर वापसी बताया। उन्होंने कहा कि वह
पहले भी इस मंत्रालय में दो वर्ष तक काम कर चुके हैं। इस मौके पर मंत्रालय में राज्य मंत्री बाबुल
सुप्रियो भी मौजूद थे। जावड़ेकर के पास पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अलावा सूचना
एवं प्रसारण मंत्रालय भी है।
पिछली मोदी सरकार में जावड़ेकर ने शुरू में पर्यावरण और वन मंत्रालय में दो वर्षों के लिए स्वतंत्र प्रभार
के साथ राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्हें 2016 में मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया था।
कुछ समय के लिए वह संसदीय मामलों और सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी थे। एचआरडी मंत्री के
रूप में उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश व फेलोशिप के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए
एक प्रमुख और आत्मनिर्भर परीक्षण संगठन के रूप में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की स्थापना
सुनिश्चित की।
पर्यावरण की रक्षा के लिए विकास को रोकने के पैरोकारों को जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि कुछ
लोग जैसे समझते हैं कि पर्यावरण की रक्षा करनी है तो तरक्की रोको, जबकि यह सत्य नहीं है। उन्होंने
कहा कि तरक्की और पर्यावरण की रक्षा दोनों साथ-साथ संभव है। उन्होंने कि यह हमने पहले भी
दिखाया है और भविष्य में इसे और मजबूती से दिखाएंगे।
जावड़ेकर ने कहा कि इस मंत्रालय का उद्देश्य जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश पांच तत्वों की रक्षा
करना है। यही इस मंत्रालय का मैन्डेट है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक दृष्टि है और भारत के
पर्यावरणपूरक जीवनशैली की उन्होंने पेरिस में भी बहुत आग्रह से रखा। उन्होंने कहा कि पंचतत्वों की
रक्षा करना हमारा काम है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में जब वह इस मंत्रालय में बतौर राज्यमंत्री
स्वतंत्र प्रभार थे, उस दौरान उन्होंने बहुत सारे सुधार किए और उन्हें ही अनिल दवे और हर्षवर्धन ने आगे
बढ़ाया।