जालंधर। पंजाब की जालंधर लोकसभा सीट के लिये बुधवार को हो रहे उपचुनाव में अपराह्न 11 बजे तक 17.07 प्रतिशत मतदान हुआ।
सुबह नौ बजे तक 5.21 प्रतिशत और 10 बजे 6.41 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। मतदान केंद्रों पर अब लम्बी कतारें लगनी शुरू हो गई हैं। पूर्व विधायक कृष्णदेव भंडारी और उनके परिवार के सदस्य, आदमपुर से कांग्रेस विधायक सुखविंदर कोटली और पूर्व मंत्री परगट सिंह मतदान कर चुके हैं। परगट ने दावा किया कि कांग्रेस उम्मीदवार की जीत होगी।
लद्देवाली क्षेत्र में बने मतदान बूथ संख्या 149 पर मतदान शुरू होने से पहले ही मशीन खराब हो गई, जिससे यहां मतदान शुरू होने में विलम्ब हुआ। मतदान धीमा लेकिन शांतिपूर्ण चल रहा है तथा कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। मतदान के लिये कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किये गये हैं। युवाओं में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिये काफी उत्साह देखा जा रहा है। इस उपचुनाव में 16 लाख से अधिक मतदाता विभिन्न राजनीतिक दलों समेत 19 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चलेगा, जिसके लिये 1972 मतदान केंद्र बनाये गये हैं। इस लोकसभा सीट के नौ विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदाता संख्या 1621800 हैं, जिसमें 844904 पुरुष, 776855 महिला तथा 41 थर्ड जेंडर शामिल हैं। मतदान स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हो इसके लिये शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 8000 पुलिसकर्मी, अर्धसैनिक बल और अधिकारी तैनात किये गये हैं। उपचुनाव की मतगणना 13 मई को होगी।
राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने पूर्व विधायक रिंकू को मैदान में उतारा है, जो कुछ दिन पहले ही कांग्रेस छोड़ कर पार्टी में शामिल हुये थे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल के पुत्र इंदर इकबाल सिंह अटवाल पर दांव खेला है। श्री अटवाल शिरोमणि अकाली दल(शिअद) छोड़ कर पार्टी में आये हैं। कांग्रेस ने दिवंगत सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर को टिकट दिया है। शिअद ने अपने दो बार के विधायक और पेशे से डॉक्टर सुखविंदर कुमार सुक्खी को उम्मीदवार बनाया है। शिअद को बहुजन समाज पार्टी(बसपा) का भी समर्थन हासिल है। चुनावी मुकाबला मुख्यत: चतुष्कोणीय है। यह सीट संतोख चौधरी के निधन के कारण रिक्त हुई है।
मतदान के लिये सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। उम्मीदवारों के चुनाव बूथ मतदान केंद्र के 200 मीटर के दायरे के बाहर स्थापित किये गये हैं, जहां केवल एक टेबल, दो कुर्सियां, पार्टी का झंडा और बैनर, पार्टी का चिह्न या फोटो रखा जा सकेगा। मतदान केंद्र के 100 मीटर के दायरे में कोई प्रचार नहीं किया जा सकता और इस क्षेत्र में मोबाइल फोन आदि भी प्रतिबंधित है। इसी तरह चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक बल्क एसएमएस भेजने पर रोक रहेगी।
निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों, राजनीतिक एजेंटों और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए केवल तीन वाहनों की अनुमति दी है जिनमें प्रत्येक वाहन में चालक सहित पांच से अधिक लोग नहीं बैठ सकते हैं। वाहनों के लिए जारी परमिट को इनके शीशे पर लगाना अनिवार्य है।