प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने मंगलवार को पुणे में एक कार्यक्रम में मंच साझा किया और हाथ मिलाया। यह सब तब हुआ जब उनके भतीजे अजित पवार के उनकी पार्टी में विभाजन का नेतृत्व किया और भाजपा-एकनाथ शिंदे- महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए। उस कार्यक्रम में पीएम मोदी और शरद पवार ने मुस्कुराहट और कुछ शब्दों का आदान-प्रदान किया। इस कौर्यक्रम में पीएम को प्रतिष्ठित लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में भाग लेकर शरद पवार ने विपक्षी दलों में बेचैनी पैदा कर दी थी। हालांकि, अपने संबोधन के दौरान शरद पवार ने कहा कि “शिवाजी महाराज ने कभी किसी की जमीन नहीं छीनी”। माना जा रहा है कि पवार ने मोदी पर कटाक्ष किया है। इसे पिछले साल शिवसेना में हुए विभाजन से जोड़कर देखा जिसके कारण महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी। राज्य में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने शिवसेना में विभाजन कराया था, जिससे राजनीतिक उथल-पुथल मच गई। यही अजित पवार मामले में भी भाजपा पर आरोप लग रहा है। शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) ने कहा कि मोदी के साथ मंच साझा करने वाले शरद पवार इस कार्यक्रम में शामिल ना होकर उन लोगों की शंकाओं को दूर कर सकते थे, जिन्हें उनका इस समारोह में शामिल होना पसंद नहीं आया।
एक-दूसरे पर भरोसे से ही हम मजबूत होंगे: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार ग्रहण करते हुए कहा कि एक-दूसरे पर भरोसा ही देश को मजबूत बनाएगा। मोदी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अगर अविश्वास का माहौल है तो विकास असंभव है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के साथ मंच साझा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समझते थे। मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी। अंग्रेजों ने उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहा था।’’