जब कोई मैसेज का जवाब नहीं देता, तो आपके मन में भी आती होंगी ये बातें

asiakhabar.com | November 16, 2017 | 11:45 am IST

मल्टीमीडिया डेस्क। अक्सर ऐसा होता है कि आप किसी को टेक्स्ट मैसेज करते हैं, लेकिन उसका जवाब नहीं आता है। ऐसी स्थिति से करीब-करीब हर कोई कभी न कभी जरूर गुजरता है। ऐसे में अकर हर किसी के दिमाग में ऐसी बातें आती हैं, जानें क्या है वह…।

यह व्यक्ति मुझे जवाब क्यों नहीं दे रहा है?

सबसे पहले सोचा कि मन में आता है, वह व्यक्ति जवाब क्यों नहीं दे रहा है। सबकुछ तो बहुत अच्छा चल रहा था। बातचीत भी काफी दिलचस्प थी। फिर क्यों, जवाब नहीं दे रहा है?

क्या मैं उबाऊ हूं?

यद्यपि हमें यह नहीं सोचना चाहिए। ऐसी स्थिति में हम खुद को ही दोष देते हैं कि क्या हम उबाऊ हैं। आप जानते हैं कि अक्सर ऐसा होता है। हम सभी में खुद को दोष देने की आदत होती है।

क्या उसका फोन कहीं छूट गया है?

हां, हम इस तरह बकवास अपने मन में लाते हैं। हम अच्छी तरह से जानते हैं कि कुछ भी ऐसा नहीं हुआ होगा। फिर भी अपने मन को समझाने के लिए इस तरह के ख्याल लाते हैं कि कहीं उसका फोन छूट गया होगा।

क्या मुझे कुछ दिलचस्प संदेश भेजना चाहिए?

हां, हम यह मानते हैं कि शायद एक दिलचस्प मैसेज भेजना या किसी मजाक को कॉपी पेस्ट करने से स्थिति बेहतर हो जाएगी। कभी-कभी हम ऐसा करते हैं और फिर भी व्यक्ति उत्तर नहीं देता। तब हमें लगता है कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था क्योंकि अब व्यक्ति को लगता है कि मैं उससे बात करने के लिए मरा जा रहा हूं।

हो सकता है वह FB पर बिजी हो

टैक्स्ट मैसेज का जवाब नहीं आता है, तो मन को आशंका होती है, शायद वह फेसबुक पर बिजी हो। मन को तसल्ली देने के लिए आप भी फेसबुक खोलते हैं और देखते हैं कि जिसे आपने मैसेज किया था वह ऑनलाइन है या नहीं।

शायद वह सो रहा होगा

मैसेज भेजने के दो घंटे के बाद आपको लगता है कि शायद वह सो रहा होगा। फिर आप अपने मन को तसल्ली देते हैं कि मुझे सुबह तक इंतजार करना चाहिए।

व्हाट्सएप कॉल करनी चाहिए

फिर आपको लगता है कि मुझे व्हाट्सएप पर कॉल करनी चाहिए। तभी मन में ख्याल आता है कि यदि उसने पूछा तो क्या होगा। फिर आप मन को समझाते हैं कि मैं कह दूंगा कि गलती से लग गया होगा।

यह ठीक नहीं है

जब इंतजार ज्यादा हो जाता है, तो आपको लगता है कि यह ठीक नहीं है। मैं इस व्यक्ति से फिर से बात करने जा रहा हूं।

तभी आपको मैसेज मिलता है

अरे यह मैसेज तो उसी का है। भगवान का शुक्र है कि जो मैं सोच रहा था वह नहीं हुआ। फिर चीजें सामान्य हो जाती हैं, लेकिन तब तक आपका मन अधीर रहता है।


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