नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज कहा कि सदफ जफर, एस आर
दारापुरी और पवन राव को हिंसा के मामले में उनके खिलाफ बिना किसी सबूत के गिरफ्तार किया जाना ‘‘शर्मनाक’’
है। चिदंबरम ने कहा कि पुलिस ने चौंकाने वाली स्वीकारोक्ति की है कि उनकी संलिप्तता का कोई साक्ष्य नहीं है।
उन्होंने ट्वीट किया, सदफ जफर, एस आर दारापुरी और पवन राव आम्बेडकर को पुलिस की इस स्वीकारोक्ति के
बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया कि हिंसा में उनकी संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है। यह चौंका देने वाली
स्वीकारोक्ति है।’ चिदंबरम ने कहा, यदि ऐसा था, तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार ही क्यों किया? और मजिस्ट्रेट ने
सबूत देखे बिना उन्हें हिरासत में कैसे भेज दिया?’’ उन्होंने कहा, कानून कहता है कि ‘पहले सबूत, बाद में
गिरफ्तारी’ लेकिन हकीकत में ‘पहले गिरफ्तार करो, बाद में सबूत ढूंढो’ है। शर्मनाक।