रांची। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत मंगलवार को 139.35 करोड़
रुपये के डोरंडा कोषागार गबन मामले में अपना फैसला सुनाएगी। मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो और
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद आरोपी हैं।
चारा घोटाले के चार अन्य मामलों में पहले ही दोषी करार दिए जा चुके प्रसाद पांचवे और अंतिम मामले में भी
आरोपी हैं। राजद सुप्रीमो सुनवाई के लिए अदालत में पेशी को लेकर रविवार को रांची पहुंचे।
अदालत ने 29 जनवरी को प्रसाद से जुड़े 139.35 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार गबन मामले में सुनवाई पूरी कर
ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
विशेष सीबीआई के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की
थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी। अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस 29 जनवरी को पूरी
हुई। सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में प्रत्यक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था।
मामले के मूल 170 आरोपियों में से 55 की मौत हो चुकी है, सात सरकारी गवाह बन चुके हैं, दो ने अपने ऊपर
लगे आरोप स्वीकार कर लिए हैं और छह फरार हैं। प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक
लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के
एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं।
950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से
सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है। राजद सुप्रीमो को चारा घोटाला मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई
गई है और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्हें दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार
मामलों में जमानत मिल गई है।
चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया। सीबीआई ने जून 1997
में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया। एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा
के खिलाफ आरोप तय किए। सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में प्रसाद, मिश्रा
और 45 अन्य को दोषी ठहराया और प्रसाद को रांची जेल भेज दिया गया।
दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय ने मामले में प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में सीबीआई
अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया। झारखंड उच्च न्यायालय ने
प्रसाद को अप्रैल 2021 में जमानत दे दी थी।