कोलकाता। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व मधुमेह दिवस (14 नवंबर) के
मद्देनजर मधुमेह की रोकथाम और बेहतर इलाज के लिए प्रभावी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए देशों का
समर्थन करने के उद्देश्य से एक व्यापक एवं समावेशी पहल ‘ग्लोबल डायबिटीज कॉम्पैक्ट’ की घोषणा की है।
इस पहल के तहत मधुमेह रोग की रोकथाम और बेहतर इलाज के लिए समुचित प्रयास किया जाएगा। मधुमेह की
रोकथाम के लिए विशेष रूप से युवाओं में माेटापा कम करने पर ध्यान दिया जाएगा। इस रोग के इलाज के लिए
विशेष रूप से निम्न और मध्यम आये वाले देशों में लोगों तक दवाओं और प्रौद्योगिकी की पहुंच को आसान बनाने
पर ध्यान दिया जाएगा।
इस वर्ष ‘विश्व मधुमेह दिवस’ कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के दौर में आया है। इस महामारी से विश्व में
10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। मधुमेह से पीड़ित लोगों को कोरोना वायरस से अधिक खतरा है
और उन्हें इससे बचने के लिए अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
डब्लूएचओ के अनुसार विश्व की छह फीसदी आबादी मधुमेह से पीड़ित है। आज विश्व में मधुमेह के मामले 1980
की तुलना में चार गुणा अधिक हैं। मधुमेह के मामले निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों में तेजी से बढ़ रहे हैं। इन
देशों में लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मुश्किल से मिल पाती है।