राजकोट। भावनगर जिले में महुआ तालुका के समीप एक तटवर्ती गांव में तीन एशियाई शेरों ने एक मछुआरे को अपना शिकार बना डाला। 35 वर्षीय रमा छुदस्मा की आधी खाई हुई बॉडी बुधवार देर रात महुआ टाउन से दस किलोमीटर दूर बरामद हुई। वन विभाग के अधिकारियों ने इस घटना पर हैरानी जताई है क्योंकि शेर मानव शरीर नहीं खाते हैं। शेरों ने मछुआरे पर बहुत भयानक तरीके से वार किया है।
गायब मिले कई बॉडी पार्ट्स : अधिकारियों ने बताया कि उन लोगों को रमा की आधी खाई हुई बॉडी के पास नौ वर्षीय मादा, दो वर्षीय नर और एक शेर के बच्चे के उपस्थित रहने संबंधित साक्ष्य मिले हैं। डॉक्टरों की एक टीम पूरे इलाके में ट्रैंकुलाइजर गन के साथ उनकी तलाश कर रही है। मछुआरे की बॉडी पिंगलेश्वर मंदिर के समीप मिली है जो एक दूरदराज का इलाका है। घटना की जांच कर रहे लोगों को रमा का एक पैर, नितंब और पसलियां गायब मिली हैं।
शराब पीने का आदी था मछुआरा: वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि रमा छुदस्मा को शराब पीने की लत थी। इससे पहले भी वह एक बार नशे की हालत में शेरों के रहने वाले इलाके के काफी करीब पहुंच गया था। उस समय भी उसे यहां से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी। भावनगर डिवीजन के डेप्युटी कंजरवेटर संदीप कुमार ने बताया, ‘हमारी जांच के अनुसार आज तक किसी ने भी शेरों को मानव शरीर खाते नहीं देखा है पर मछुआरे की बॉडी के पास इन तीनों शेरों के पैरों के निशान पाए गए हैं। उनके मल की जांच करने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि उन्होंने बॉडी खाई है कि नहीं।
उन्होंने बताया कि जिस जगह पर अटैक किया गया वह राजस्व इलाके में आता है और यहां शेर मनुष्यों की चहलकदमी से परिचित हैं। वे लोगों पर प्रहार करने से बचते हैं पर हमें इस बात की जांच करनी होगी कि किस बात ने उन्हें हमला करने के लिए उकसाया होगा। एक बार पकड़े जाने के बाद नियम के हिसाब से शेरों को आजीवन पिजड़े में रखा जाएगा