भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने असम राज्य की सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा करते हुए कहा है कि यह हमारे देश में विविधता के बावजूद एकता की संस्कृति की परिचायक है।
श्री गौतम के नेतृत्व में मध्यप्रदेश विधानसभा का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को असम विधानसभा भवन पहुंचा, जो इन दिनों ‘ई-विधान’ और संसदीय कार्यप्रणाली पर केंद्रित अध्ययन यात्रा पर है। इस प्रतिनिधिमंडल में श्री गौतम के अलावा वरिष्ठ सदस्य गौरीशंकर बिसेन, पी सी शर्मा, दिव्यराज सिंह, विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह और अवर सचिव नरेंद्र मिश्रा शामिल हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि श्री गौतम का असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने असम विधानसभा में गरिमापूर्ण तरीके से स्वागत किया। विधानसभा में ई विधान और अन्य संसदीय विषयों पर दोनों राज्यों के प्रतिनिधिमंडल की संयुक्त बैठक हुयी। बैठक के पूर्व असम विधानसभा अध्यक्ष श्री दैमारी ने असम की संस्कृति और संसदीय प्रणाली के बारे में संक्षेप में बताया और मध्यप्रदेश के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया।
इस दौरान श्री गौतम ने अपने संबोधन में असम दौरे के अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस राज्य की संस्कृति काफी समृद्ध है। विधानसभा में अध्यक्ष श्री दैमारी के नेतृत्व में बेहतर कार्य हुए हैं। उन्होंने श्री दैमारी का बेहतर मेजबानी के लिए आभार भी व्यक्त किया। श्री गौतम ने मध्यप्रदेश विधानसभा में किए जा रहे नवाचारों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि सदन की कार्यवाही में आधुनिक तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है।
श्री गौतम के सम्मान में श्री दैमारी ने अपने सरकारी आवास पर रात्रि भोज का भी आयोजन किया। प्रतिनिधिमंडल ने आज असम विधानसभा की विभिन्न प्रमुख समितियों के साथ बैठक की। इस दौरान संसदीय कार्य संबंधी विचार साझा किए गए। प्रतिनिधिमंडल आज देर शाम गुवाहाटी से दिल्ली होते हुए वापस भोपाल लौट आएगा।
श्री गौतम ने असम यात्रा के दौरान राजधानी गुवाहाटी से लगभग दस किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित विश्व प्रसिद्ध मंदिर कामाख्या पीठ के सपरिवार दर्शन किए और विधिविधान से पूजा अर्चना की। तांत्रिक क्रियाओं के प्रसिद्ध इस पीठ का तंत्र सिद्धि में सर्वोच्च स्थान माना जाता है। इस राज्य में आने वाले श्रद्धालु मां भगवती कामाख्या के सिद्ध पीठ में दर्शनार्थ अवश्य जाते हैं।
इसके पहले प्रतिनिधिमंडल 30 अप्रैल को सुबह भोपाल से दिल्ली पहुंचा और श्री गौतम ने वहां पर नए मध्यप्रदेश भवन का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों को और बेहतर व्यवस्थाएं बनाने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। प्रतिनिधिमंडल देर रात त्रिपुरा की राजधानी अगरतला पहुंचा और अगले दिन एक मई को वहां के विधानसभा के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। इस बैठक में भी ई विधान और संसदीय प्रक्रियाओं पर केंद्रित विषयों पर चर्चा हुयी। इसके अलावा श्री गौतम ने अगरतला के ऐतिहासिक जलमहल का अवलोकन किया और माता त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन किए। सनातन परंपराओं में इसे भी एक शक्तिपीठ का स्थान दिया गया है।
श्री गौतम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने इसके अलावा मिजोरम विधानसभा और वहां के ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन किया। मणिपुर का दौरा वहां कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने और कफर्यू लग जाने के कारण रद्द कर दिया गया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल असम राज्य के दौरे पर पहुंचा।