कोरोना का अर्थव्यवस्था पर काफ़ी असर लेकिन अब अधिक तेज़ी से हो रही है रिकवरी : मोदी

asiakhabar.com | September 11, 2021 | 4:02 pm IST

शिवा गोयल

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर आंच
लाने वाली कोरोना की महामारी से भारत पर भी काफ़ी असर पड़ा लेकिन देश की अर्थव्यवस्था इससे जितनी ठहरी
थी उससे कहीं अधिक तेज़ी से अब यह पटरी पर लौट रही है।

उन्होंने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए भयावह आतंकी हमले की बरसी पर आज यह भी
कहा कि हमें ऐसी आतंकी घटनाओं के सबक़ याद रखने होंगे और साथ ही इनका समाधान देने में सक्षम मानवीय
मूल्यों को मज़बूती देने के लिए पूरी आस्था से प्रयास भी करते रहना होगा।
अपने गृह राज्य गुजरात के अहमदाबाद में वैष्णो देवी सर्कल के निकट विश्व पाटीदार समाज की ओर सभी समुदाय
के ग़रीब छात्रों और अन्य लोगों की मदद के लिए 400 करोड़ रुपए की लागत से सात लाख वर्ग फ़ीट से भी
अधिक क्षेत्र में स्थापित किये जा रहे सरदारधाम भवन के पहले चरण के ई लोकार्पण तथा दूसरे चरण के ई- भूमि
पूजन के मौक़े पर श्री मोदी ने नई दिल्ली से विडीओ कानफ़्रेंसिंग के ज़रिए अपने सम्बोधन में यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा, 'जब कोरोना की महामारी आयी तो इससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर आंच आयी। भारत पर भी
इसका काफ़ी असर हुआ पर हमारी अर्थव्यवस्था महामारी से जितना ठहरी उससे ज़्यादा गति से रिकवरी कर रही
है। जब दुनिया की बड़ी बड़ी अर्थव्यवस्थायें रक्षात्मक मुद्रा में थीं तब हम सुधार के कार्यक्रम लागू कर रहे थे। जब
वैश्विक आपूर्ति शृंखलायें बुरी तरह प्रभावित थीं तब हमने नए हालातों को भारत के पक्ष में मोड़ने के लिए
पीएलआइ जैसे योजनायें शुरू कीं जिनका लाभ कपड़ा उत्पादन क्षेत्र को मिलेगा। 21 वीं सदी में भारत के पास
अवसरों की कमी नहीं है। हमें ख़ुद को वैश्विक नेता के रूप में देखना होगा और अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।
श्री मोदी ने 9/11 की आतंकी घटना को याद करते हुए कहा कि आज 11 सितंबर है जिसे पूरी दुनिया में मानवता
पर प्रहार के लिए जाना जाता है। पर आज ही के दिन 1893 में शिकागो में हुए धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने
पूरी दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित करवाया था और दुनिया अब महसूस कर रही है कि 9/11
जैसे त्रासदियों का समाधान मानवीय मूल्यों से ही होगा। हमें ऐसी आतंकी घटनाओं के सबक़ याद रखने होंगे और
साथ ही इनका समाधान देने में सक्षम मानवीय मूल्यों को मज़बूती देने के लिए पूरी आस्था से प्रयास भी करते
रहना होगा।


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