संजय गर्ग
तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने विवादित स्थल से बेदखल करने की वजह से कथित
तौर पर दंपति द्वारा आत्मदाह करने के मामले की जांच शुक्रवार को अपराधा शाखा के सुपर्द कर दी। बता दें
कि इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस की बड़े पैमाने पर आलोचना हो रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने इस संबंध में जरूरी निर्देश
अपराध शाखा को दे दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि दंपति राजन (47) और उनकी पत्नी अम्बिली (40) मूल रूप से नेय्यात्तिनकारा के नजदीक
नेल्लीमूडू के रहने वाले थे और उनकी कई अंगों के काम नहीं करने से यहां के राजकीय चिकित्सा
महाविद्यालय एवं अस्पताल में मौत हो गई थी, उन्हें जली हुई अवस्था में भर्ती कराया गया था।
मौत के तुरंत बाद डीजीपी ने पुलिस के खिलाफ मृतक दंपति के बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों की
शिकायत के मद्देनजर तिरुवनंतपुरम (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक बी अशोक कुमार को आत्मदाह की जांच कर
रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था।
सूत्रों ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले को अपराध शाखा को सौंपा गया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को मृतक दंपति के दो किशोर बेटों राहुल और रंजीत को
मकान, जमीन और वित्तीय मदद के तौर पर पांच-पांच लाख रुपये देने का फैसला किया था।
दंपति की 22 दिसंबर को हुई मौत के बाद राज्य में नाराजगी फैल गई थी और विपक्षी पार्टियों ने राज्य पुलिस
को इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया था जिसके बाद पुलिस ने परिवार की मदद की घोषणा
की।
मौत से पहले दिए बयान में मृतक ने पुलिस को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें मृतक का बेटा अस्पताल के बाहर
अपने पिता की अंतिम इच्छा के तहत विवादित जमीन पर अंतिम संस्कार करने में मदद की गुहार लगाता
दिख रहा है, जिसके बाद कई लोगों ने उनके लिए घर बनवाने की पेशकश की।