तिरुवनंतपुरम। आखिरकार जमीन घोटाले के आरोप के बाद केरल के परिवहन मंत्री थॉमस चांडी ने इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर थॉमस चांडी के इस्तीफे को लेकर काफी दबाव था। बुधवार को मुख्यमंत्री ने थॉमस चांडी और एनससीपी के नेताओं से चर्चा भी की थी।
कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ और भाजपा चांडी के इस्तीफे की मांग काफी समय से कर रही थी। बुधवार को हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा था , ‘मंत्रिमंडल ने थॉमस चांडी के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की। हालांकि आज मैंने थॉमस चांडी और एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव टीपी पीथांबरन से चर्चा की थी। एनसीपी अपने केंद्रीय नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और उसके बाद अपने निर्णय के बारे में हमें सूचित करेगी।’
इसके साथ ही पी विजयन ने बताया कि केरल कैबिनेट ने देवसवम बोर्ड में आर्थिक समुदायों के पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण को लागू करने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि अलपुझा जिले में लेक रिजार्ट में भूमि अतिक्रमण के आरोपों के चलते थॉमस चांडी के इस्तीफे की मांग बढ़ रही है। कांग्रेस नेतृत्व वाली यूडीएफ और भाजपा चांडी के इस्तीफे की मांग कर रही है। रविवार को भाजपा की केरल इकाई ने राज्यपाल पी सदाशिवम से परिवहन मंत्री थॉमस चांडी को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया है। साथ ही राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर कामकाज करने से रोकने का अनुरोध किया है।