विनय गुप्ता
नई दिल्ली। केंद्र ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश से प्रवासी मजदूरों को लाने-ले जाने के लिए
रेलवे के साथ करीबी समन्वय कर और विशेष रेलगाड़ियां चलाने को कहा है। साथ ही कहा है कि महिलाओं, बच्चों
एवं बुजुर्गों का खास ख्याल रखा जाए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित
प्रशासनों को भेजे पत्र में कहा कि फंसे हुए कर्मियों के घर लौटने की सबसे बड़ी वजह कोविड-19 का खतरा और
आजीविका गंवाने की आशंका है। उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘प्रवासी मजदूरों की चिंताओं को दूर करने के क्रम में, अगर
निम्न कदमों को लागू किया जाता है तो मैं आभारी रहूंगा।” गृह सचिव ने सुझाव दिया कि राज्यों एवं रेल मंत्रालय
के बीच सक्रिय समन्वय के माध्यम से और विशेष रेलगाड़ियों का प्रबंध किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि साफ-
सफाई, भोजन एवं स्वास्थ्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ठहरने की जगहों की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
भल्ला ने कहा कि बसों एवं ट्रेनों के प्रस्थान के बारे में और अधिक स्पष्टता होनी चाहिए क्योंकि स्पष्टता के अभाव
में और अफवाहों के चलते श्रमिकों में बेचैनी देखी गई है। प्रवासी श्रमिकों के बीच महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों की
खास जरूरतों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी पैदल चल
रहे मजदूरों को ठहरने के निर्धारित स्थानों पर या परविहन के माध्यम उपलब्ध कराकर पास के बस अड्डे या रेलवे
स्टेशन तक भेज सकते हैं, प्रवासियों के पते एवं फोन नंबर लिखें जो कि आगे संपर्कों का पता लगाने में मददगार
साबित हो सकते हैं तथा ठहरने के स्थानों पर एनजीओ के प्रतिनिधियों को काम पर लगाया जा सकता है। भल्ला
ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों या एनजीओ कर्मियों द्वारा ठहरने के स्थान पर लंबे समय तक पृथक-वास के
लिए रोके जाने संबंधी धारणा को खत्म करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। गृह सचिव ने कहा कि इसके
अलावा अंतरराज्यीय सीमा पर प्रवासी मजदूरों को ले जा रही बसों को जाने की अनुमति दी जाए, श्रमिक जहां हैं
उन्हें वहीं रोकने के लिए खाने, स्वास्थ्य सुविधाओं एवं काउंसलिंग की व्यवस्था की जाए।