दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर अपने तल्ख तेवर दिखलाते हुए दिल्ली दरबार पर निशाना साधा और कहा कि बंगाल के विकास के लिए दिल्ली की मदद की जरूरत नहीं है। सीएम ममता ने यह बात दार्जिलिंग में हिमल तराई-डूअर्स स्पोर्ट्स फेस्टिवल को संबोधित करते हुए कही।
इस दौरान उन्होंने गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) से भी कहा कि वे केंद्र से भीख ना मांगें।
अपने संसाधन से पाएंगे सफलता-
इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा, ‘ मैंने बिनय तमांग (जीटीए प्रमुख) से सुना कि उन्होंने केंद्र से दार्जिलिंग में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अनुरोध किया है। बनर्जी ने कहा कि, जानकारी मिलने पर मैंने उनसे कहा कि हमें दिल्ली से कुछ मांगने की जरुरत नहीं है। जो भी जितना भी हमारे पास संसाधन है हम उसमें ही सफल होंगे। ये आज हमारा आपसे वादा है। उन्होंने दार्जिलिंग में विश्वविद्यालय की स्थापना का भी वादा किया।’
उन्होंने कहा, हम यहां एक विश्वविद्यालय की स्थापना करेंगे। इस हिल्स इलाके में काफी संभावनाएं हैं चाहे वह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो या पर्यटन के क्षेत्र हो। हम इन क्षेत्रों में पूर्ण विकास की कोशिश करेंगे। लेकिन शांति व्यवस्था स्थापित करना हमारा मुख्य मकसद होगा। क्योंकि यहां परेशानियों के कारण लोग निवेश करने से डरते हैं।
केंद्र पर सौतेले व्यवहार का आरोप-
गौरतलब है मंगलवार को भी सिलिगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्र पर जमकर हमला बोला था। ममता ने केंद्र पर ये आरोप लगाया कि 2018 के आम बजट में पश्चिम बंगाल को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में आंध्रप्रदेश को भी उपेक्षित रखा गया है और इसलिए उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी के साथ है। ममता ने आगे कहा कि बंगाल सरकार आंध्र प्रदेश के अलावा उन राज्यों को भी समर्थन करती है जिन्हें केंद्र से उपेक्षित कर दिया गया है।