श्योपुर। मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में जंगल से दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता निरवा पिछले चार दिनों से लापता है। वन विभाग को भी इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है कि इस समय मादा चीता निरवा कहां है।
उसकी रेडियो कॉलर आईडी खराब हो जाने की वजह से उसकी निगरानी कर रही वन विभाग की टीम उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पा रही है। अब वन अधिकारी ड्रोन कैमरे की मदद से उसकी तलाश करने में लगे हैं लेकिन शुक्रवार देर शाम तक कोई सफलता नहीं मिल पाई थी।
जानकारी के अनुसार निरवा नाम की मादा चीता पिछले दिनों कूनो नेशनल पार्क के जंगल से बाहर निकलकर ओछापुरा थाना इलाके के मोरेका गांव और उसके आसपास के इलाके में पहुंच गई थी। इसके बाद कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने दावा किया था कि वह वापस कूनो में पहुंच गई है। इसके बाद भी कई दिनों तक उसकी लोकेशन बरगवां और उसके आसपास के गांव से सटे हुए जंगल में ही देखी गई लेकिन पिछले चार दिनों से किसी किसी को जानकारी नहीं मिल पाई है। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
वन विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि साउथ अफ्रीकन मादा चीता निरवा के गले में बांधी गई कॉलर आईडी के खराब होने के चलते उससे सिग्नल नहीं मिल पा रहा है जिससे चीता मॉनिटरिंग टीम का निरवा से संपर्क टूट गया है। एक तरफ कूनो का अमला जंगल में उतरकर लापता मादा चीता को खोज में जुटा है तो दूसरी ओर आसमान से ड्रोन कैमरे के जरिए कूनो के जंगल में लापता निरवा का तलाश भी जारी है।
बड़े बाड़े में 11 चीते, एक मिसिंग और तीन खुले जंगल में
कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 चीतों में से पांच की मौत हो चुकी है। अब शेष बचे 15 चीतों में से 11 को चिकित्सकों की निगरानी में कूनो नेशनल पार्क के बड़े बाडों में रखा गया है, जबकि निरवा लापता है और तीन अन्य चीते कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में रह रहे हैं। इनके अलावा, भारत लाए जाने के बाद में एक मादा चीता ने यहां चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें से तीन शावकों की मौत हो चुकी है। एक शावक को भी चिकित्सकों की निगरानी में बड़े बाड़े में रखा गया है।