मनोज स्वर्णकार
प्रयागराज। पूरब का आक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय के
कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हांगलू के इस्तीफा देने से छात्र नेताओं ने यूनियन हाल पर एक दूसरे को अबीर गुलाल
लगाकर जश्न मनाया। छात्र नेताओं का आरोप है कि प्रोफेसर हांगलू के चार साल के कार्यकाल विवादों से भरा रहा।
तीन बार जांच कमेटियां विवि में आयीं।
इन कमेटियों ने अलग-अलग शिक्षकों और छात्रों से मुलाकात कर मानव संसाधन को अपनी अपनी रिपोर्ट भेजी थी।
इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग से भी श्री हांगलू की लिखित शिकायत की गयी। इविवि छात्र संघ की पूर्व
अध्यक्ष एवं शोध छात्रा ऋचा सिंह ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा कि असत्य पर सत्य की जीत कोई नई बात
नहीं है।
महिला अस्मिता पर हमला करने वाले मुंह की खाते रहे हैं। जो समाज अपनी महिलाओं का आदर नहीं करता वह
नष्ट हो जाता है। विश्वविद्यालय में कुलपति हांगलू की फौज के लिए यह एक सबक है। सिंह ने कहा कि विवि के
इतिहास में यह पहली बार है जब एक संयुक्त संघर्ष समिति निर्मित कर अलग-अलग विचार धाराओं के लोग एक
साथ मिलकर लड़े और अंधकार के एक युग को समाप्त कर दिया।
उन्होंने एक ऐसी अनैतिक ताकत को हरा दिया जो अपने को अपराजेय मानती थी। उन्होने कहा कि चार पहले
विवि 66वीं रैंक पर था लेकिन इन चार सालों में इसकी शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं अन्य हालात इस तरीके से बिगड़े
कि 200वीं रैंक के बाहर हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि विवि प्रशासन द्वारा कैंपस अव्यवस्था, अराजकता
और अनैतिकता का पर्याय बन चुका था। जिस कुलपति पर उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी हो कि यदि आप
विश्वविद्यालय के कुलपति नहीं होते तो हम जेल भेज देते, बहुत ही शर्मनाक है।