नई दिल्ली। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट भाषण में किसानों की आय दोगुना करने का वादा दोहराते हुए किसानों को 6 हजार रुपये सालाना उनके खाते में देने की बात कही। सरकार ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने वाले सभी किसानों को 2 फीसदी ब्याज और समय पर कर्ज लौटाने पर 3 फीसदी अतिरिक्त ब्याज माफी का फायदा देने की बात कही है। इस तरह उन्हें ब्याज में 5 फीसदी की छूट मिलेगी। मंत्री ने इस बजट भाषण में पशुपालन और मछली पालन करने वाले किसानों को भी क्रेडिट कार्ड के जरिए लिए जाने वाले कर्ज के ब्याज में दो फीसदी ब्याज की छूट देने की बात कही गई है। जहां सरकार इन कदमों को किसानों के लिए वरदान बता रही है, वहीं कृषि के जानकर इस बजट को चुनावी बता रहे हैं। अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि किसानों को उनका पूरा कर्ज माफ होने की उम्मीद थी। त्रिपाठी ने कहा कि किसान सरकार से बड़ी राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन सरकार ने उन्हें निराश किया है। इस बजट में कुछ भी नया नहीं है और न ही कोई बड़ी राहत है। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान के नाम पर किसानों को प्रति वर्ष 6000 रुपये देने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि सरल भाषा में कहा जाए तो अगर 5 लोगों का परिवार है तो प्रति व्यक्ति 3.33 रुपये प्रतिदिन है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि कम- से- कम चाय का तो दाम दे देते। उन्होंने कहा कि यह बजट किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला है। भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त ने कहा कि यह बजट किसान, नौजवान, गरीब व संपूर्ण देश के नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया है। मस्त ने कहा कि इस बजट से किसानों के खाते में हर वर्ष 6 हजार रुपये डाले जाएंगे। इससे छोटे किसानों को बड़ा लाभ होगा। वो जरूरत के मुताबिक खाद- बीज सही समय पर खरीद सकेंगे। मस्त ने कहा कि यह राशि किसानों के खाते में जाएगी और किसान बिचौलियों से बचा रहेगा। उल्लेखनीय है कि यह बजट तीन किस्तों में किसानों को दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि ‘यह योजना 1 दिसंबर 2018 से ही लागू होगी। दो हजार रुपये की पहली किस्त जल्द ही किसानों की सूचियां बनाकर उनके खातों में डाली जाएगी। इससे 12 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। दो हेक्टेयर (करीब 5 एकड़) तक की जमीन रखने वाले किसानों को उनकी आमदनी में सपोर्ट करने के लिए 6000 रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से देने का निर्णय लिया गया है।