पुणे (महाराष्ट्र)। पुणे पुलिस प्रमुख के वेंकटेशम ने कथित माओवादी संपर्क के चलते पांच कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर उच्चतम न्यायालय के फैसले पर शुक्रवार को प्रसन्नता जताई और कहा कि पुलिस मामले की ‘‘पेशेवराना तरीके से जांच’’ जारी रखेगी। शीर्ष अदालत ने कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में दखल देने और गिरफ्तारी की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
अगस्त माह में कई शहरों में छापेमारी के बाद पुणे पुलिस ने पांच कार्यकर्ताओं वरवर राव, अर्जुन फरेरा, वेर्नन गोंसाल्विज, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा को गिरफ्तार किया था। पिछले वर्ष 31 दिसंबर को हुए एलगार परिषद नाम के कार्यक्रम के बाद कोरेगांव-भीमा गांव में हिंसा फैल गई थी। इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के बाद इन कार्यकर्ताओं को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था।
वेंकटेशम ने कहा कि वह शीर्ष अदालत के फैसले से खुश हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘ मैं जांच अधिकारी और उनकी टीम को बधाई देता हूं कि उन्होंने पेशेवराना तरीके से जांच की। इसे आज उच्चतम न्यायालय ने भी स्वीकार किया। हम मामले की जांच पेशेवर तरीके से जारी रखेंगे।’’संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) शिवाजी बोडखे ने भी इस फैसले पर प्रसन्नता जताई। पुणे पुलिस शुरू से कह रही है कि पांचों कार्यकर्ताओं के आवासों पर तलाशी से लेकर सबूत जुटाने तक पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी की गई है।