पणजी। कर्नाटक के उदाहरण को गोवा में लागू करने की मांग करते हुए कांग्रेस ने आज राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। यहां हुए विधानसभा चुनाव में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। चंद्रकांत केवलेकर की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से दोपहर में राजभवन में मुलाकात की और उन्हें एक पत्र सौंपकर सदन में पार्टी को बहुमत सबित करने के लिए आमंत्रित करने की मांग की।
पार्टी ने कहा कि उसने राज्यपाल को इस अनुरोध पर फैसला लेने के लिए सात दिन का वक्त दिया है। गोवा में कांग्रेस के 16 विधायकों में से 14 राज्यपाल से मुलाकात के वक्त मौजूद थे। एक विधायक देश से बाहर हैं जबकि दूसरा अस्पताल में भर्ती है। यह मुलाकात करीब 15 मिनट तक चली। केवलेकर ने कहा कि हमने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वह कर्नाटक के उदाहरण का पालन करें और उस गलती को सुधारें जो उन्होंने 12 मार्च 2017 को की थी जब उन्होंने कम सीटों वाले दल (भाजपा) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
उन्होंने कहा कि हमने उन्हें हमारे इस अनुरोध पर जवाब देने के लिए सात दिन का वक्त दिया है। पिछले वर्ष फरवरी माह में हुए चुनाव में 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी जो बहुमत से सिर्फ चार सीटें कम थी। भाजपा को 13 सीटें मिली थी और उसने गोवा फॉरवर्ड पार्टी तथा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन बनाया था। इन दोनों दलों को तीन-तीन सीटें मिली थी।
भाजपा ने इसके अलावा तीन निर्दलीयों का भी समर्थन लिया था। राज्यपाल ने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बुलाया था। वर्तमान में गोवा विधानसभा में कांग्रेस के 16 सदस्य हैं क्योंकि उसके एक विधायक विश्वजीत राणे पिछले वर्ष भाजपा में शामिल हो गए थे। बाद में उन्होंने भाजपा के टिकट पर वालपोई सीट जीती थी।
गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख गिरीश चोडणकर ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए हमारे पास आवश्यक संख्याबल है। हम सदन में बहुमत साबित कर सकते हैं। कांग्रेस के पास 21 का जादुई आंकड़ा है और इसके लिए हमें भाजपा के खेमे में सेंध लगाने की भी जरूरत नहीं है। कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के राज्यपाल वजूभाई वाला के फैसले के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कर्नाटक में राज्यपाल ने सबसे बड़े दल को आमंत्रित किया इसलिए यहां गोवा में भी इसी मिसाल को अपनाया जाना चाहिए।
कर्नाटक में भाजपा 104 सीट के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। कांग्रेस ने 78 और जद (एस) ने 37 सीटें जीती, इन दोनों दलों ने 117 विधायकों के समर्थन से संयुक्त रूप से सरकार बनाने का दावा पेश किया था लेकिन राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए भाजपा को आमंत्रित किया। कर्नाटक में बहुमत का जादुई आंकड़ा 112 है।