नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की है। लेकिन, कांग्रेस ने पी. चिदंबरम के जम्मू-कश्मीर को स्वायत्ता देने के बयान पर अपना पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस ने कहा है कि यह एक व्यक्ति की राय हो सकती है, पार्टी की राय नहीं है।
कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली में कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा यह निर्विवाद रूप से बना रहेगा। साथ ही, उन्होंने चिदंबरम की टिप्पणी पर कहा कि किसी व्यक्ति का विचार जरूरी नहीं कि कांग्रेस का भी विचार हो।
बता दें कि चिंदबरम ने शनिवार जम्मू-कश्मीर को अधिक स्वायत्तता देने की हिमायत की, जिसकी भाजपा ने तीखी आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जहां इसे शर्मनाक और दुखद कहा है, वहीं अरुण जेटली ने भी आलोचना की है।
राजकोट में चिदंबरम ने कहा, ‘कश्मीर घाटी में यही मांग है कि संविधान के अनुच्छेद 370 का सम्मान किया जाए। इसका मतलब यही है कि वे ज्यादा स्वायत्तता चाहते हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह अभी भी यही मानते हैं कि जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता दे दी जानी चाहिए? उन्होंने कहा, ‘हां।’
चिदंबरम ने जुलाई 2016 में भी जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि जिस विचार के तहत कश्मीर को बड़े पैमाने पर स्वायत्तता दी गई थी उसे बहाल करना चाहिए। यदि यह नहीं किया गया तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
भाजपा ने चिदंबरम के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी ने कहा है कि चिदंबरम की इस टिप्पणी पर कोई हैरानी नहीं हुई है। उनके नेता ने जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे का समर्थन किया था। पार्टी का सीधा इशारा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर था।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने कहा, ‘यह हैरान करने वाला और घिनौना है कि पी. चिदंबरम भारत को टुकड़ों में तोड़ने की बात कर रहे हैं और उन लोगों को समर्थन दे रहे हैं जो वास्तव में हमारे सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता ने सरदार पटेल की धरती (गुजरात) पर यह बात कही है। जिन्होंने भारत को एक संविधान के तहत एकजुट करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया था।
मुंबई में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चिदंबरम के बयान ने भारत के राष्ट्रीय हितों को आहत किया है। यह एक गंभीर मुद्दा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने जो बयान दिया है उसपर पार्टी का कोई रुख है या नहीं? मेरा मानना है कि पार्टी को तुरंत ही स्पष्ट करना चाहिए।’