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नई दिल्ली। उचचतम न्यायालय ने कर्नाटक विधान सभा के अध्यक्ष से शुक्रवार को
कहा कि कांग्रेस और जद(एस) के 10 बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोध्या के मामले में यथास्थिति
बनाये रखी जाये। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस
की पीठ ने इसके साथ ही कर्नाटक के राजनीतिक संकट को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई 16
जुलाई के लिये स्थगित कर दी। पीठ ने अपने आदेश में विशेष रूप से इस बात का उल्लेख किया कि
कर्नाटक विधान सभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार इन बागी विधायकों के त्यागपत्र और अयोग्यता के
मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लेंगे ताकि मामले की सुनवाई के दौरान उठाये गये व्यापक मुद्दों पर
न्यायालय निर्णय कर सके। पीठ ने अपने आदेश में इस तथ्य का भी जिक्र किया है कि अध्यक्ष और
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत बागी विधायकों द्वारा
दायर याचिका की विचारणीयता का मुद्दा भी उठाया है।पीठ ने यह भी कहा कि बागी विधायकों की ओर
से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अध्यक्ष की इस दलील का प्रतिवाद किया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन
के विधायकों के इस्तीफे के मसले पर विचार करने से पहले उनकी अयोग्यता के मामले पर निर्णय लेना
होगा।पीठ ने कहा कि इन सभी पहलुओं और हमारे समक्ष मौजूद अधूरे तथ्यों की वजह से इस मामले में
आगे सुनवाई की जरूरत है। पीठ ने कहा, ‘‘सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण विषय उठने के मद्देनजर, हमारा
मत है कि इस मामले में हमें मंगलवार को भी विचार करना होगा। हमारा मानना है कि आज की स्थिति
के अनुसार यथास्थिति बनाये रखी जाये। न तो इस्तीफे के बारे में और न ही अयोग्यता के मुद्दे पर
मंगलवार तक निर्णय किया जायेगा।’’