कर्नाटक में ठप पड़ी चिकित्सा व्‍यवस्‍था, सड़कों पर उतरे 22 हजार डॉक्टर्स

asiakhabar.com | November 16, 2017 | 3:46 pm IST

16 नवंबर,बेंगलुरु। इलाज में लापरवाही के लिए अस्पतालों को जवाबदेह ठहराने वाले अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ डॉक्टर्स प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में 14 जिलों के डॉक्टरों के साथ गुरुवार से बेंगलुरू के भी 22 हजार डॉक्टर शामिल हो गए हैं।

इन डॉक्टरों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की घोषणा की। इससे यहां के निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

बेंगलुरु में प्राइवेट हॉस्‍पिटल एंड नर्सिंग होम्‍स एसोसिएशन के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर जयन्‍ना ने कहा, ‘मुख्‍यमंत्री के साथ हुए विचार विमर्श में यह स्‍पष्‍ट हो गया है कि वे उचित और बेहतर निर्णय लेंगे।‘

डॉक्टर कर्नाटक निजी चिकित्सीय प्रतिष्ठान अधिनियम, 2007 में इसी साल हुए संशोधन का विरोध कर रहे हैं। संशोधन के जरिये चिकित्सीय लापरवाही के लिए छह महीने से लेकर तीन साल तक की जेल की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान जोड़ने की तैयारी है।

प्रस्तावित संशोधन उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विक्रमजीत सेन की सिफारिशों पर आधारित है। अपना विरोध तेज करते हुए शहर के पांच मेडिकल संघों ने सरकार से अपना फैसला वापस लेने तक ओपीडी सेवाएं बंद करने की घोषणा की। उन्होंने इस फैसले को चिकित्सीय पेशे के लिए नकारात्मक करार दिया।

निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम संघ के अध्यक्ष सी जयन्ना ने बताया, बेंगलुरू के 22,000 डॉक्टर ओपीडी सेवाएं बंद कर देंगे। हालांकि आपात सेवाएं, चुनिंदा ऑपरेशन, डायलिसिस और प्रसव संबंधी सेवाएं चालू रहेंगी।


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