नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि केंद्र ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कल्याण पर ध्यान देते हुए इस वर्ग के लिए बजटीय आवंटन में 41 फीसद वृद्धि की है। मंत्रालय के लिए बजट आवंटन में 12.10 फीसद की वृद्धि की गई है। वर्ष 2017-18 में 6,908 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे और 2018-19 में इसे बढ़ाकर 7,750 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
गहलोत ने कहा कि ओबीसी के कल्याण के लिए आवंटन में 41.03 फीसद की वृद्धि करते हुए वर्ष 2018-19 में 1,747 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। वर्ष 2017-18 में 1,237.30 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इसके अलावा वर्ष 2017-18 की तुलना में वर्ष 2018-19 में योजनाओं के लिए बजट में 11.57 फीसद की वृद्धि की गई।”
अनुसूचित जातियों के लिए उद्यम पूंजी निधि की तर्ज पर ओबीसी के लिए एक नई उद्यम पूंजी निधि 200 करोड़ रुपये के शुरुआती कोष के साथ शुरू की जाएगी। इसके लिए वर्ष 2018-19 में 140 करोड़ रुपये की राशि निश्चित की गई है। ओबीसी के लिए मैट्रिक से पहले दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिए आय पात्रता 44,500 रुपये सालाना से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है।
एससी के लिए यह पात्रता दो लाख रुपये से बढ़ा कर ढाई लाख रुपये कर दी गई है। गहलोत ने कहा, “एससी और ओबीसी के छात्रों की निशुल्क कोचिंग के लिए आय पात्रता साढ़े चार लाख रुपये से बढ़ा कर छह लाख रुपये कर दी गई है।”