नई दिल्ली। देश में आईआईटी मुख्य प्रवेश परीक्षा में चोरी को रोकने के लिए सभी
केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरों के अलावा हर शिफ्ट में तीन हज़ार जैमेर्स भी लगाये गये थे तथा इम्तहान
का लाइव प्रसारण भी किया गया था ताकि पारदर्शिता बनी रहे, इसके अलावा एक ऐसा सोफ्टवेयर
विकसित किया गया है जिस से अब प्रश्न पत्र लीक भी नहीं हो सकते हैं।
यह कहना है कि राष्ट्रीय टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक विनीत जोशी का जिनकी संस्था ने
कल पहली बार आईआईटी मेंस की ऑनलाइन परीक्षा के नतीजे घोषित किये। सात से बारह अप्रैल को
267 शहरों के 470 परीक्षा केन्द्रों पर हुई इस मुख्य परीक्षा में 8 लाख 81 हज़ार 96 छात्रों ने परीक्षा दी
जिसमे तीन किन्नर छात्र भी थे और तीन लाख 30 हज़ार 702 लड़कियां थीं इस परीक्षा के 9 विदेशी
केंद्र भी थे। इस परीक्षा में दिल्ली के शुभम श्रीवास्तव ने टॉप किया और कुल 24 छात्रों ने सौ प्रतिशत
परसेंटाइल अंक प्राप्त किये। इसके अलावा सभी राज्यों में भी टॉपर घोषित किये गए। यह पहला मौका है
जब एन टी ऐ ने यह परीक्षा संचालित की। गत वर्ष तक केंन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सी बी एस ई)
इसे आयोजित करता था।
केंन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव रह चुके श्री जोशी ने यूनीवार्ता को बताया कि जब से राष्ट्रीय
टेस्टिंग एजेंसी स्थापित हुआ है, मेडिकल ईंजीनीरिंग प्रबन्धन से लेकर नेट आदि की परीक्षाएं हम
आयोजित कर रहे है और हमने एक ऐसा सोफ्टवेयर विकसित किया गया है जिससे पेपर अब लीक नही
होंगे। परीक्षा शुरू होने के ठीक पहले हमारे कंट्रोल रूम से ही पास पोर्ड दिया जायेगा जिस से पेपर का
पता चल सकेगा और उसकी ऑनलाइन मोनिटरिंग भी होगी ताकि कहीं कोई इसका दुरूपयोग तो नही
कर रहा है। पहले परीक्षकों को पेपर पहले मिल जाते थे अब तो यह व्यस्था ही समाप्त कर दी गयी है।
उन्होंने बताया कि परीक्षाओं में अनियमितओं को रोकने के लिए, सभी परीक्षा केंद्रों पर हर शिफ्ट में तीन
हज़ार जैमर भी लगाये गए ताकि किसी छात्र को बहार से किसी तरह या जानकारी न मिल सके। इसके
अलावा सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरा तो लगाया ही गया बल्कि उनका लाइव स्ट्रीमिंग यानी
सीधा प्रसारण भी किया गया ताकि किसी तरह की गड़बड़ी होने पर पता चल सके।
उन्होंने बताया कि परीक्षा के सफल संचालन के लिए तीस राज्य समन्वयक 263 नगर समन्वयक और
593 पर्यवेक्षक भी नियुक्त किये गए थे कि इम्तहान में किसी तरह की अनियमिता न हो। नोएडा में
स्थित कंट्रोल रूम से 15 वर्चुअल ओब्जेर्बर ने भी निगरानी की। इस तरह अब एन टी ऐ द्वारा संचालित
परीक्षाओं को फूल फ्रूप बना दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा से एक एक चीज़ का
रिकार्ड होता है,कब छात्र को पेपर मिला,कब उसने ख़त्म किया। अगर कोई तकनीकी खराबी आती है तो
उसका भी रिकार्ड रहता है, इसलिए उसे अतरिक्त समय भी दिया जा सकता है। ऑनलाइन से समय पर
जल्दी नतीज़े आ रहे हैं। हमने बीस दिन से पहले ही करीब नौ लाखों छात्रों का पेपर जांच कर नतीज़े
घोषित कर दिए।