मुंबई। मुंबई के एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन के ब्रिज हादसे के बाद अब सरकार ने सेना को यहां नए ब्रिज बनाने की जिम्मेदारी दी है। सरकार के इस कदम की आलोचना होने लगी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि सेना का काम युद्ध के लिए ट्रेनिंग देना है ना कि सिविलियन काम करना। रक्षा शक्ति का सिविलियन कामों में उपयोग ना करें निर्मला सीतारमण जी।
वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा है कि बेहद गंभीर परिस्थिति में सेना सबसे आखिरी विकल्प होता था लेकिन अब लगता है कि स्पीड डायल में सेना का नंबर पहले स्थान पर आ गया है।
बता दें कि अनुसार मंगलवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण आज घटनास्थल का जायजा लेने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ पहुंचे। उनके साथ सेना के अधिकारी भी थे। अब जल्द ही एलफिंस्टन ब्रिज पर काम शुरू होगा। इस स्टेशन के पास का कुछ हिस्सा सेना के अधीन आता है, इसलिए सेना इस काम में हाथ बंटा रही है। सीएम फडणवीस ने बताया कि हादसे के बाद सेना से मदद मांगी गई थी। सेना और रक्षामंत्री सहायता करने के लिए सहमत हैं। 31 जनवरी तक यहां 3 ब्रिज बनाए जाएंगे।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सेना के अधिकारियों ने घनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण और मूल्यांकन कर चुकी है। यह तय हो गया है कि पुल का निर्माण कहां और कब होगा। पुल के निर्माण कार्य के हर चरण में सेना के अधिकारी यहां मौजूद रहेंगे। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं कि सेना ने हमेशा आपदा के समय ऐसे काम किए हैं, आर्मी इन कामों को जल्दी पूरा करती है। संभवत: पहली बार सेना से आग्रह किया गया था कि वो निर्माण करने के लिए आगे आए अन्यथा सिविल कार्यों के लिए ही सेना को बुलाया जाता रहा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रेलवे, सेना के साथ मिलकर 31 जनवरी 2018 तक एलफिंस्टन रोड, करी रोड और डोंबिवली में पुल का निर्माण करेगी। गौरतलब है कि 29 सितंबर को हुए हादसे के कारणों की जांच के लिए समिति का गठन किया गया था, जिसने आज हादसे को लेकर रेलवे के अधिकारियों को क्लीनचिट दी है। 45 साल पुराने एलफिन्स्टन-परेल एफ़ओबी को चौड़ा करने की मांग कई साल से हो रही थी। इस ब्रिज पर हुई भगदड़ में 23 लोगों की जान गई थी।