नई दिल्ली।दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह कहा कि उच्च शिक्षा में रचनात्मकता, नवाचार, उद्यमिता और कल्पना का विशेष महत्व है। प्रो. सिंह विश्वविद्यालय के क्लस्टर इनोवेशन सेंटर (सीआईसी) द्वारा दिल्ली एस एंड टी क्लस्टर, डीआरआईआईवी, ओ/पीएसए, भारत सरकार के सहयोग से “सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से उच्च शिक्षा में नवाचार” विषय पर आयोजित 3 दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने संसाधनों को बनाए रखने में निजी संगठन की भूमिका पर जोर देते हुए उच्च शिक्षा में पीपीपी की रणनीतियों के विभिन्न मॉडलों के महत्व पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर एनआईओएस की चेयरपर्सन प्रोफेसर सरोज शर्मा बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रही। प्रो. सरोज शर्मा ने निजी क्षेत्र के साथ सहजीवी संबंधों में अकादमिक संस्थानों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के बारे में बात की और इस तथ्य पर जोर दिया कि निजी संगठनों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र के हिस्से को कभी भी कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।
समापन समारोह के आरंभ में सीआईसी की निदेशक प्रो. शोभा बगई ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सीआईसी द्वारा आयोजित यह संगोष्ठी एनईपी 2020 को लागू करने में डीयू के दृष्टिकोण को मजबूत करने में मदद करेगी। प्रो. ज्योति शर्मा ने कार्यक्रम के बारे में संक्षेप में बताते हुए कहा कि तीन दिनों तक संगोष्ठी में जो जानकारी दी गई उससे शिक्षा से जुड़ी स्वायत्तता, प्रतिबद्धता और लोकाचार से समझौता किए बिना शैक्षिक अवसरों की गुणवत्ता और पहुंच बढ़ाने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी की संभावनाओं, सुरक्षा उपायों, संरचना और तीव्रता पर एक साझा समझ बनाने में मदद मिलेगी।