हैदराबाद। अब जब आप हैदराबाद जाएंगे, तो हो सकता है कि आपको वहां एक भी भिखारी नहीं दिखाई दे। दरअसल, पुलिस ने गुरुवार को शहर को भिखारियों से मुक्त करने का अभियान शुरू किया है।
28 नवंबर से यहां आयोजित होने वाले तीन दिन के आठवें वार्षिक ग्लोबल आंट्रप्रेनोरशिप (जीईएस) 2017 से पहले यह आदेश दिया गया है। सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इंवाका ट्रंप के शामिल होने की संभावना है।
पुलिस कमिश्नर एम महेंद्र रेड्डी ने शहर को भिखारी मुक्त बनाने के निर्देशा दिए हैं। अब इन्हें पुनर्वास केंद्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है। आदेश मिलते ही नगर पुलिस ने भिखारियों को पकड़कर चंचलगुड़ा जेल परिसर में स्थापित पुनर्वास केंद्र (आनंद आश्रम) में भेज दिया है।
पुलिस ने यह कहते हुए सड़क पर भीख मांगने पर रोक लगा दी है कि इससे यातायात एवं पैदल चलने वाले लोगों की आवाजाही बाधित होती है। इसके साथ ही उन पर खतरा पैदा होता है।
एसीपी नरेंद्र रेड्डी ने बताया कि हैदराबाद की सड़कों पर भीख मांगते भिखारियों पर रोक के लिए आदेश जारी हुए थे। कई भिखारियों को अभद्र तरीके से भीख मांगते हुए मैंने देखा है। सड़कों, बड़े स्टेशनों पर भीख मांगने के लिए बच्चों और विकलांग लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। वे वाहन चालकों और पैदल चलने वालों के लिए असुविधा पैदा कर रहे हैं।
सार्वजनिक जगहों व शहर के मुख्य चौराहों पर दो महीनों तक भिखारियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा जो 7 जनवरी 2018 तक लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों को दंड दिया जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति आईपीसी की धारा 188 के तहत सजा दी जाएगी। इसके अलावा हैदराबाद शहर पुलिस अधिनियम के संबंधित प्रावधानों, तेलंगाना भिखमंगी रोकथाम अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम, 2000 के तहत भी सजा दी जाएगी।