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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि एवं ग्रामीण समृद्धि पर बजट पश्चात वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष के केन्द्रीय बजट का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को अधिक लचीला और समृद्ध बनाना है। उन्होंने कहा कि बजट घोषणाओं को लागू करने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष का बजट हमारी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट था। इस बजट में हमारी नीतियों में निरंतरता और विकसित भारत के विजन में नया विस्तार भी दिखा है। बजट से पहले सभी हितधारकों द्वारा दिए गए इनपुट और सुझाव बजट तैयार करते समय बहुत उपयोगी रहे। अब इस बजट को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने में इसके परिणाम जल्द से जल्द प्राप्त करने में और सभी नीतियों को प्रभावी बनाने में आपकी भूमिका और बढ़ गई है। हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाने में जुटे हैं, जहां किसान समृद्ध हों।
उन्होंने बजट में पीएम धन धान्य योजना की घोषणा का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने बजट में पीएम धन धान्य कृषि योजना का ऐलान किया है। इसके तहत देश के 100 सबसे कम कृषि उत्पादकता वाले जिलों के विकास पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज लोगों में पोषण को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है। इसलिए बागवानी, डेयरी और फिशरी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए इन क्षेत्रों में काफी निवेश किया गया है। फल और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा भी की गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत करोड़ों गरीबों को घर दिया जा रहा है, स्वामित्व योजना से संपत्ति मालिकों को ‘अधिकारों का अभिलेख’ मिला है। हमने सेल्फ हेल्प ग्रुप की आर्थिक ताकत बढ़ाई है। हमने 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। हमारे प्रयासों से सवा करोड़ से ज्यादा बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे भारत के संकल्प बहुत स्पष्ट हैं। हम सभी मिलकर एक ऐसे भारत के निर्माण में जुटे हैं, जहां किसान समृद्ध और सशक्त हो। हमारा प्रयास है कि कोई किसान पीछे न छूटे। हम कृषि को विकास का प्राथमिक इंजन मानते हैं। हम दो प्रमुख लक्ष्यों की ओर काम कर रहे हैं, पहला, कृषि क्षेत्र का विकास और दूसरा गांवों की समृद्धि। पीएम-किसान सम्मान निधि 6 साल पहले शुरू की गई थी और लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये सीधे 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने एक किसान केंद्रित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, ताकि देशभर के किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके। आज भारत का कृषि उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर है। 10-11 साल पहले जो कृषि उत्पादन 265 मिलियन टन के करीब था, वो अब बढ़कर 330 मिलियन टन से ज्यादा हो गया है। ये हमारी सरकार के बीज से बाजार तक की अप्रोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमने 2019 में पीएम मत्स्य संपदा योजना शुरू की, जिससे उत्पादन, उत्पादकता और कटाई के बाद के प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा है और आज मछली उत्पादन और निर्यात दोगुना हो गया है।