अहमदाबाद। इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी डी जी वंजारा और एन के अमीन को बरी करने की उनकी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत सात अगस्त को आदेश पारित कर सकती है। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जे. के. पांड्या ने कहा कि आदेश आज के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिसे मंगलवार को पारित किया जाएगा।
अदालत ने पिछले महीने दोनों सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों, सीबीआई और इशरत की मां शमीमा कौसर की जिरह पर सुनवाई पिछले महीने पूरी कर ली थी। कौसर ने वंजारा को बरी किए जाने की याचिका को चुनौती दी थी। गुजरात के पूर्व डीआईजी वंजारा ने राज्य के पूर्व प्रभारी डीजीपी पी. पी. पांडेय को बरी किए जाने के तर्ज पर खुद को बरी करने की मांग की थी। पांडेय को इस वर्ष फरवरी में साक्ष्यों के अभाव में मामले में बरी कर दिया गया था।
वंजारा ने अपनी याचिका में दावा किया था कि केंद्रीय एजेंसी की तरफ से दायर आरोपपत्र ‘मनगढ़ंत’ है और उनके खिलाफ कोई भी ‘अभियोग लायक सामग्री नहीं’ है। गुजरात एटीएस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि गवाहों के बयान ‘काफी संदिग्ध’ हैं। पुलिस अधीक्षक पद से सेवानिवृत्त अमीन ने इस आधार पर बरी किए जाने की मांग की कि मुठभेड़ वास्तविक था और केंद्रीय जांच ब्यूरो की तरफ से पेश गवाहों की गवाही विश्वास योग्य नहीं है।