मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर मे उस वक्त इंसानियत शर्मसार हो गई, जब जमीन विवाद के चलते एक शवयात्रा को रास्ते में रोक दिया गया। विवाद की वजह से करीब 30 घंटे तक शवयात्रा दरवाजे पर रखी रही। मामले की इत्तला तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई, लेकिन किसी ने भी ध्यान देना उचित नहीं समझा। आक्रोशित लोग जब सड़क पर उतर आए, तब प्रशासन हरकत में आया और उसके बाद अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाया गया।
मामला बिहार के मुजफ्फरपुर में मुशहरी प्रखंड के चकगाजी (सहबाजपुर) गांव का है, जहां जानकारी के अनुसार रामसेवक साह के पिता भदई साह (75) की मौत मंगलवार सुबह हो गई। जब परिजन और ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाने लगे तो पड़ोसी राजेंद्र साह ने अन्य लोगों की मदद से अपनी जमीन से जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि यह जमीन उनकी है। इसलिए इधर से शव यात्रा नहीं ले जा सकते।
समझाने के बाद भी वे कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद परेशान परिजन स्थानीय अधिकारियों समेत डीएम के पास गए। वहां भी किसी ने ध्यान नहीं दिया।
इस पर आक्रोशित लोगों ने बुधवार को 11 बजे मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी एनएच-77 को अहियापुर के पास जाम कर दिया। मामला बढ़ता देख पंचायत के मुखिया, सरपंच व अन्य लोगों ने पहल की। सीओ मौके पर पहुंचे इसके बाद करीब तीन बजे शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया।
20 साल से चल रहा विवाद-
रामसेवक व अन्य ग्रामीणों ने बताया कि सड़क किनारे बसे महेंद्र साह ने मुख्य सड़क तक पांच फीट जमीन रास्ते में दी थी। पड़ोसी राजेंद्र साह ने करीब 20 साल पहले महेंद्र से दो डिसिमल जमीन रजिस्ट्री कराते समय धोखे से इससे सटी रास्ते की यह पांच फीट जमीन भी लिखा ली थी, तब से विवाद चल रहा है।
इससे प्रभावित दर्जनों परिवारों के लोग पांच साल पहले डीएम के यहां धरना भी दे चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। रास्ते को लेकर पीडि़त लोगों का कहना है कि हम लोग लंबे समय से दूसरे के आंगन से होकर आना-जाना करते हैं।