नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया केस में बुधवार को कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद नया मोड़ आ गया। निदेशकों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के बयानों के बाद सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि पीटर और इंद्राणी मुखर्जी ने बयान में आरोप लगाया था कि उन्होंने कार्ति के पिता पी चिदंबरम के निर्देश पर एफआईपीबी क्लीयरेंस के लिए कार्ति को लाखों अमेरिकी डॉलर दिए थे।
प्रवर्तन निदेशालय के सामने दर्ज कराए गए बयान में इंद्राणी ने कहा कि वह अपने पति पीटर मुखर्जी के साथ नॉर्थ ब्लॉक में चिदंबरम से मिली थी। इंद्राणी ने यह भी माना है कि उसकी दिल्ली के एक होटल में कार्ति से मुलाकात हुई थी, जहां उसने रिश्वत के रूप में 10 लाख डॉलर की मांग की। इंद्राणी के अनुसार कार्ति ने रिश्वत की रकम दो कंपनियों में निवेश करने का निर्देश दिया।
पीटर और इंद्राणी ने आरोप लगाया था कि वे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से उनके नार्थ ब्लॉक कार्यालय में मिले थे और उनसे उनकी मीडिया कंपनी में विदेश में निवेश के लिए क्लीयरेंस मांगा था। अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम ने इसके बाद उनसे कहा था कि उनके बेटे की व्यवसाय में मदद करो। उन्होंने बताया कि दंपती ने यह भी स्वीकार किया था कि वे दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में कार्ति से मिले थे, जहां उन्होंने कथित रूप से 10 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी।
ईडी इस मामले की मनी लांड्रिंग के नजरिए से भी जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष इंद्राणी दंपती के बयान दर्ज किए थे। सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया मामले में कार्ति को लंदन से लौटते ही चेन्नई हवाई अड्डे पर कार्ति (46) को गिरफ्तार कर लिया था।
गौरतलब है कि दोनों मामले 2007 के हैं। उस वक्त पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने ही कार्ति का काम आसान बनाया था। इसी मामले में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया, इसके डायरेक्टरों पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के साथ कार्ति चिदंबरम का नाम भी जोड़ा गया था।