नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में युवजन श्रमिक रायथू (वाईएसआर) कांग्रेस पार्टी के एक सांसद के बेटे राघव मगुंटा को जमानत दे दी है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि मगुंटा को राहत दी गई क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी जमानत याचिका का विरोध नहीं किया था। न्यायमूर्ति शर्मा ने इससे पहले, सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी के बेटे को अंतरिम जमानत दी थी।
ईडी ने अपने जवाब में कहा कि आरोपी जांच में सहयोग कर रहा है और अपराध से प्राप्त आय का पता लगाने में सहायता कर रहा है अन्यथा इसमें मुश्किल आती और इसीलिए उसे जमानत दी जा सकती है।
अदालत ने 10 अगस्त के एक आदेश में कहा, “ऊपर दिए गए बयान और यहां बताए गए तथ्यों के मद्देनजर चिकित्सा आधार पर चार सप्ताह के लिए 18 जुलाई 2023 के आदेश के तहत दी गई अंतरिम जमानत को स्वीकृत किया गया है।”
अदालत ने कहा, ”सुनवाई अदालत की संतुष्टि के आधार पर 2,00,000 रुपये के निजी मुचलके पर और इतनी ही राशि की दो जमानत पर याचिकाकर्ता को नियमित जमानत दे कर रिहा किया जा सकता है। ”
अदालत ने राघव मगुंटा पर कुछ शर्तें भी लगाईं, जिनमें शामिल है कि उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा, बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ना होगा और जांच में सहयोग करना होगा।
अदालत ने स्पष्ट किया कि आदेश को अन्य आरोपी व्यक्तियों के लाभ के लिए एक मिसाल के रूप में नहीं लिया जाएगा।
18 जुलाई को अदालत ने राघव मगुंटा को उनके खराब स्वास्थ्य के कारण अंतरिम जमानत दे दी थी।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मगुंटा और अन्य के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति में संशोधन करते समय कथित तौर पर अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को आबकारी नीति लागू की लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया। सिसोदिया भी सीबीआई और ईडी दोनों द्वारा दर्ज मामलों में आरोपी हैं और फिलहाल जेल में बंद हैं।