नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध पार्टी के अंदर ही रहा था, लेकिन अब यह कांग्रेस के निशाने पर भी आ गया। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत कर एनडी गुप्ता की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए उन्हें भाजपा का करीबी बताया है। साथ ही लाभ के पद का मामला भी उठाया है।
हालांकि, आप ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि पार्टी उम्मीदवार एनडी गुप्ता ने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। आप नेता राघव चड्ढा ने माकन की आपत्तियों का खंडन किया और कहा कि गुप्ता ने एनपीएस के न्यासी पद से 29 दिसंबर, 2017 को ही इस्तीफा दे दिया था।
चड्ढा ने एक ट्वीट में कहा, ‘संसद (अयोग्यता निवारण) के अधिनियम 1959 की धारा 3 उपबंध (एल) में न्यास को लाभ के पद के तहत अयोग्यता की छूट प्रदान की गई है। साथ ही, चुनाव अधिकारी लाभ के पद को लेकर निर्णय लेने के लिए समक्ष प्राधिकारी नहीं हैं। बल्कि सक्षम प्राधिकार चुनाव आयोग है।’
खबरों के अनुसार कांग्रेस नेता अजय माकन ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि एनडी गुप्ता भाजपा के करीबी हैं साथ ही पीएम मोदी और जीएसटी के समर्थक हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि गुप्ता सरकार की नेशनल पेंशन स्कीम के ट्रस्टी के रूप में हुई थी और वो अब तक इस पद पर बने हुए हैं।
कांग्रेस द्वारा दर्ज की गई शिकायत में लिखा है कि नेशनल पेंशन स्कीम की वेबसाइट के अनुसार एनडी गुप्ता अब भी उसके ट्रस्टी हैं ऐसे में उन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बनता है। बता दें कि अजय माकन इससे पहले सुशील गुप्ता की उम्मीदवारी पर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि सुशली गुप्ता का राज्यसभा टिकट 40 दिन पहले ही तय हो गया था।