नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट आदिवासियों की जमीन को लेकर दाखिल नई याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच यह तय करे कि किसी को गैर आदिवासी क्यों घोषित किया जाए, जब कि वो सैकड़ो वर्षों से वहां रह रहे हैं। जबकि शेड्यूल 5,6 इन्हें प्रोटेक्ट करता है। पिछले 28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों और वनवासियों को बेदखल करने के अपने पहले के आदेश पर रोक लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को 16 राज्यों के करीब 11.8 लाख आदिवासियों और वनवासियों को बेदखल करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा कि अब तक क्यों सो रहे थे। पिछले 27 फरवरी को केंद्र सरकार ने आदिवासियों को जंगलों से हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष जल्द सुनवाई के लिए मेंशन किया। जिसके बाद कोर्ट ने आज सुनवाई करने का आदेश दिया था। पिछले 13 फरवरी को जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने 16 राज्यों के करीब 11.8 लाखआदिवासियों के जमीन पर कब्जे के दावों को खारिज करते हुए राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि वे अपने कानूनों के मुताबिक जमीनें खाली कराएं। कोर्ट ने 16 राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी कर कहा था कि वे 12 जुलाई से पहले हलफनामा दायर कर बताएं कि उन्होंने तय समय में जमीनें खाली क्यों नहीं कराईं।