भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश की सवा करोड़ महिलाओं के खाते में ‘मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना’ के तहत एक हजार रुपए प्रति माह पहुंचने के पूर्व कहा कि आज का दिन उनके लिए सबसे सुखद है और उन्हें लग रहा है कि उनका मुख्यमंत्री बनना सफल हो गया है।
श्री चौहान ने यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि आज का दिन सबसे सुखद और अहम है। महिला सशक्तिकरण, महिला कल्याण, उन्हें न्याय मिले, उनके साथ दोयम व्यवहार न हो, इसके लिए बरसों पहले प्रदेश में अभियान शुरु हुआ था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद उन्होंने बेटी की शादी बोझ न रहे, इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई। वर्ष 2006 में मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई, जिसे कई और राज्यों ने अपनाया। इस योजना को बाद में पढ़ाई से भी जोड़ा। अब उसमें नई चीजें जोड़ते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को भी उसमें जोड़ा। इससे लिंगानुपात पर भी असर पड़ा। वर्ष 2012 में एक हजार लड़कों पर 912 लड़कियां थीं, जो अब 956 हो गईं हैं।
उन्होंने कहा कि इसके बाद महिलाओं के राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए स्थानीय निकायों में उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसके बाद पुलिस में बेटियों के लिए 30 फीसदी आरक्षण शुरु किया, जिसका बहुत विरोध हुआ। एक और कदम महिलाओं के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क एक प्रतिशत लगाने का रहा। इससे महिलाओं के नाम पर होने वाली रजिस्ट्री में अप्रत्याशित इजाफा हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब बहनों के लिए और भी कई योजनाएं थीं। आज उनमें बहुत अहम कड़ी जुड़ रही है। लाड़ली बहना योजना से महिलाएं कई छोटे-छोटे काम आसानी से कर सकेंगी। आज शाम को जबलपुर से एक हजार रुपए उनके खाते में देना शुरु होगा। उन्होंने कहा कि आज देना शुरु करेंगे तो कल तक महिलाओं के खाते में पैसे पहुंच पाएंगे।
श्री चौहान ने कहा कि चुनाव नहीं थे तब भी सरकार ने लगातार महिलाओं के लिए योजनाएं बनाईं। भाजपा सरकार ने चुनाव देख कर कोई योजना नहीं बनाई है। अपने इस संबोधन के पूर्व श्री चौहान ने ‘लाड़ली बहनों’ के साथ स्थानीय स्मार्ट पार्क में पौधरोपण भी किया।