जयपुर/नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार सुबह विशेष विमान से दिल्ली पहुंचे।
हवाई अड्डे से वह सीधे 10 जनपथ पहुंचे, जहां वे सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री
केसी वेणुगोपाल समेत कांग्रेस के आला नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
मुलाकात के दौरान गहलोत देश के मौजूदा हालात और कांग्रेस की स्थिति को लेकर राजस्थान में 14 मई से 16
मई तक प्रस्तावित पार्टी के चिंतन शिविर के आयोजन पर चर्चा करेंगे। हालांकि बताया जाता है कि चिंतन शिविर
की आधिकारिक घोषणा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद ही की जाएगी। बैठक के बाद स्पष्ट होगा कि
कांग्रेस का चिंतन राजस्थान में होगा या छत्तीसगढ़ में।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुए और साढ़े दस बजे दिल्ली
पहुंचे, जहां से वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पहुंचे। सोनिया गांधी के साथ आज होने वाली बैठक
में चिंतन शिविर का आयोजन स्थल तय होने के बाद शिविर की तैयारियां तेज की जाएंगी। उल्लेखनीय है यदि
चिंतन शिविर के आयोजन का मौका राजस्थान को मिलता है तो मीटिंग में ये भी तय होगा कि शिविर उदयपुर में
कराया जाए या जयपुर में।
दरअसल, कांग्रेस के एक धड़ा चिंतन शिविर इस बार उदयपुर में कराए जाने के पक्ष में है, क्योंकि इस साल नवंबर
में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं और उदयपुर गुजरात से सटा हुआ है। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का
मानना है कि अगर उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर होता है तो गुजरात कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में इससे उत्साह
आएगा और कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे।
इससे पहले 2013 में जयपुर में बिरला सभागार में कांग्रेस का चिंतन शिविर हो चुका है। जयपुर के चिंतन शिविर
में ही राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 14 से 16 मई तक तीन दिन तक चलने वाले
इस शिविर में नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी के लगातार हारने के कारणों और इस साल होने वाले गुजरात,
हिमाचल प्रदेश के साथ ही अगले साल होने वाले कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के
विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
इसके साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले के लिए गठबंधन की नई सियासत शुरू करने पर
भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा चिंतन शिविर में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से राहुल गांधी
को फिर से अध्यक्ष बनाए जाने के लिए प्रस्ताव रखा जा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठक के दौरान
चिंतन शिविर के अलावा जुलाई में खाली होने जा रही राज्यसभा सीटों और केन्द्र सरकार के खिलाफ रणनीति व
नए अभियानों को लेकर भी सोनिया गांधी से चर्चा कर सकते हैं।