देहरादून। उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा और चमोली जिले में मानसून सक्रिय होने से पहले ही
बादल फटने की घटना से क्षेत्र के लोग सोमवार को भी संशकित रहे। स्थानीय प्रशासन सोमवार को
घटनास्थल पर जाकर निरीक्षण किया। इसमें अल्मोड़ा के चौखटिया में 52 परिवार और चमोली के
लामबंगड़ में 60 यानी कुल 112 परिवार बादल फटने की घटना से प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने प्रभावितों
को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने सोमावार को विकासखण्ड चैखुटिया में 02 जून को हुई अतिवृष्टि
वाले क्षेत्रों का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान खीड़ा, बाजपुर, जुकानी आदि क्षेत्रों का
निरीक्षण कर अतिवृष्टि से प्रभावित परिवारों की समस्या सुनी। भ्रमण के दौरान क्षेत्रीय विधायक महेश
नेगी ने भी इन क्षेत्रों का दौरा कर प्रभावित परिवारों को हर सम्भव मदद दिलाने का आश्वासन दिया।
चौखुटिया में 52 परिवार प्रभवित
अल्मोड़ा जिलाधिकारी ने बताया कि अतिवृष्टि से चैखुटिया के विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 52 परिवार
प्रभावित हुए हैं। एक व्यक्ति अभी तक लापता है, इसकी खोजबीन की जा रही है। आपदा में 02 भवन
पूर्ण क्षतिग्रस्त, 07 गंभीर क्षतिग्रस्त, 04 आंशिक क्षतिग्रस्त हुये हैं। इसके अलावा तीन गौशालाएं भी
क्षतिग्रस्त हुई हैं। 38 परिवारों के भवनों में पानी, मलबा घुस गया है। इन स्थानों पर राहत कार्य जारी
है।
जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि इन सभी का आंकलन कर मुआवजा वितरण की कार्रवाई की जा रही
है। इस दौरान 01 पशु क्षति (बैल) की हानि हुई है। प्रभावित परिवारों के खाने की व्यवस्था के अलावा
उन्हें खाद्यान्न भी उपलब्ध कराया गया है। विद्युत व्यवस्था को भी सुचारु कर दिया गया है। अतिवृष्टि
से पेयजल लाइनें जो क्षतिग्रस्त हो गयी थी उनकी मरम्मत करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
270 पेयजल पाइपों की व्यवस्था के साथ ही 04 टैंकरों से प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की जा रही
है। रेडक्रास सोसायटी द्वारा भी आवश्यक वस्तुओं को क्रय कर उपलब्ध कराया जायेगा साथ ही पशु
चिकित्सा शिविर का आयोजन कर यहा के पशुओं के स्वास्थ्य की जांच की जायेगी।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत
अतिवृष्टि के कारण जो सड़कें क्षतिग्रस्त हो गयी थी उन्हें यातायात के लिए खोल दिया गया है। इस
कार्य में 05 जेसीबी मशीनें सड़क को खोदने का कार्य कर रही हैं। गांव में जहां पर मलबा आ गया था
उसे हटाने का कार्य भी चल रहा है। प्रभावित परिवारों का मेडिकल चैकअप स्वास्थ्य विभाग की टीम
द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान पूर्व विधायक पुष्पेश, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी,
उपजिलाधिकारी आरके पाण्डे, मुख्य अग्निशमन अधिकारी वंश बहादुर यादव, जिला पंचायत सदस्य
गजेन्द्र नेगी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
चार लाख का दिया चेक
चमोली जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिले में गैरसैंण ब्लॉक के खंसर घाटी के सीमांत गांव
लामबगड़ में रविवार को बादल फटने से एक बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु पर आपदा ग्रस्त गांव का दौरा कर
मृतक बादर सिंह की पत्नी को चार लाख रुपये का चेक भी सौंपा।
लामबगड़ में 60 परिवार प्रभावित
लामबगड़ गांव में बादलल फटने से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की स्थिति का जायजा लेते हुए जिलाधिकारी
ने अधिकारियों को तत्काल सभी व्यवस्थाएं बहाल करने के निर्देश दिए। मलबा आने के कारण लामबगड़
में लगभग 60 परिवारों की कृषि भूमि प्रभावित हुई है। प्रशासन और पुलिस की टीम रविवार को ही
घटनास्थल पर पहुंच गई थी तथा रविवार को ही मृतक बादर सिंह का शव ढूढ लिया गया था। लामबगड़
में अवरूद्ध हुए मोटर मार्ग को लोनिवि गैरसैंण ने दो विभागीय जेसीबी लगाकर सोमवार सुबह 10 बजे
यातायात के लिए सुचारु किया गया है। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, उप
जिलाधिकारी किशन सिंह नेगी, तहसीलदार सोहन सिंह रांगड आदि मौजूद रहे।
प्रदेश में नहीं सक्रिय है मानसून
इस समय तक प्रदेश में मानसून सक्रिय नहीं है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 24 घंटे के दौरान
तेज आंधी, ओलावृष्टि और बिजली गिरने की संभावना जारी की है। मौसम विभाग निदेशक बिक्रम सिंह
के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 24 घंटे तक देहरादून, नैनीताल और यूएसनगर में आंधी
चल सकती है। पहाड़ पर तेज बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। सभी डीएम और आपदा प्रबंधन
विभाग को अलर्ट भेजा गया है। वर्ष 2018 में ही मई माह में चमोली के नारायणबगड़ क्षेत्र में बादल
फटने का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद एक जून को टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, पिथौरागड़ में
बादल फटने की घटना सामने आई थी। इसी तरह केदारनाथ आपदा भी 16-17 जून 2013 को आई थी।