नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने 2003 में एक आदेश के तहत अयोध्या में यथास्थिति को बनाए रखने का निर्देश दिया था। इस दिशानिर्देश की केंद्र सरकार को याद दिलाते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को मोदी सरकार के उस कदम पर सवाल उठाया, जिसके तहत मोदी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से राम जन्मभूमि न्यास और अन्य वास्तविक मालिकों को निर्विवादित 67 एकड़ भूमि को देने की मांग की है। केंद्र के सर्वोच्च न्यायालय जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सवाल किया, ’16 साल सोए रहने के बाद सरकार अचानक कैसे जाग गई, वह भी लोकसभा चुनाव से ठीक दो महीने पहले?’सरकार की नियति पर सवाल उठाते हुए सिंघवी ने अदालत के 2003 के उस निर्णय का हवाला दिया, जिसके तहत जबतक पूरे मामले में अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तबतक निर्विवादित भूमि सहित पूरी जमीन पर यथास्थिति बनी रहेगी। उन्होंने कहा, ‘सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय बिल्कुल स्पष्ट है, लेकिन चुनाव से पहले उस निर्णय में बदलाव लाने के लिए सरकार के कदम पर सवाल उठ रहा है।’