नई दिल्ली। डोकलाम में भारी भरकम सैन्य निर्माण कार्य किए जाने के बाद चीन ने अब तिब्बत का रुख किया है। अब डोकलाम का मुद्दा ठंडा भी नहीं हुआ था कि चीन ने तिब्बत में अपनी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। चीन ने यहां फाइटर जेट और नौसेन का युद्धक जहाजों को तैनात किया है।
यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन ने ऐसे वक्त में तिब्बत में एयरक्राफ्ट्स की तैनाती की है, जब इस इलाके में सर्दियों में चीन की ओर से उड़ानों पर रोक रहती है। पिछले साल के चीन ने तिब्बत में लड़ाकू विमानों की तैनाती करने में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
टाइम्स नाऊ की खबर के मुताबिक, चीन की यह कार्रवाई साफतौर पर भारत को उकसाने वाली है। तिब्बत में चीन की सेना के साथ ही एयरफोर्स और नेवी ने भी हाल के दिनों में अपनी ताकत दिखाई है। रिपोर्ट के मुताबिक एक इंटेलिजेंस नोट में कहा गया है कि यहां पिछले तीन सप्ताह में फाइटर जेट्स की संख्या 47 से 51 के करीब हो गई है।
पिछले साल की तुलना में यहां 10 एयरक्राफ्ट अधिक तैनात किए गए हैं। ल्हासा-गोंगका में चीन ने आठ फाइटर जेट्स तैनात किए हैं। इसके अलावा एयर मिसाइल सिस्टम्स समेत 22 एमआई-17 हेलिकॉप्टर्स सहित कई अन्य हथियार भी तैनात हैं।
होपिंग-रिकाजे में चीनी वायु सेना के 18 एयरक्राफ्ट्स तैनात हैं। इसके अलावा 11 एमआई-17 अनमैन्ड एरियल वीकल्स भी शामिल हैं। यही नहीं चीन ने तिब्बत में भारत से लगती सीमा में जमीन से हवा पर मार करने वाली मिसाइलों को भी तैनात कर दिया है।
काशी इलाके में भी चीन ने 12 फाइटर एयरक्राफ्ट्स को तैनात किया गया है, जिनमें से 8 जेएच-7 और 4 जे-11 एयरक्राफ्ट शामिल हैं। इसके अलावा चीन ने यहां जमीन से हवा में मार करने में सक्षम मिसाइलें भी तैनात की हैं। पिछले साल की तुलना में तैनात किए गए चॉपर्स की संख्या भी इस साल बढ़ा दी गई है।
इसके अलावा कई अन्य इलाकों में भी कुछ एयरक्राफ्ट्स देखे गए हैं। सिक्किम सेक्टर के सामने वाली चीन के इलाके में भी एयरक्राफ्ट्स की तैनाती की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चीन की ओर से तैनात एयरक्राफ्ट्स की तैनाती की संख्या सर्दी के दिनों में इतनी ही बनी रह सकती है।