नई दिल्ली। सीबीआई ने इस बात से इनकार किया है कि उसके पूर्व अधिकारी राकेश अस्थाना और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के फोन टेप किए गए थे। सीबीआई ने आज ये बातें हलफनामा दायर कर हाईकोर्ट को बताया है। दरअसल फोन कॉल की टैपिंग, ट्रेसिंग और निगरानी के बारे में दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। इस याचिका पर सुनवाई करते पिछले 15 जनवरी को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी किया था। याचिका सार्थक चतुर्वेदी ने दायर की है। याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के भी फोन टेप किए गए थे। क्या उनका फोन टेप करने से पहले सीबीआई ने इसकी अनुमति ली थी। याचिका में कहा गया है कि फोन टैपिंग के मामले में सीबीआई के कुछ अधिकारियों ने इस संबंध में मौजूदा दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है। इस याचिका में फोन कॉल को ट्रेस और टेप करने के मामलों में अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में सीबीआई के कुछ लोक सेवकों द्वारा गैरकानूनी तरीके से फोन कॉल की टैपिंग और ट्रेसिंग को रोकने औऱ उसकी जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोर्ट केंद्र सरकार को इस संबंध में दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दे ताकि कोई भी अधिकारी अपने हितों के लिए कानून और शक्तियों का दुरुपयोग न कर सके। सीबीआई के दो वरिष्ठ अफसरों आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी जंग में अजित डोभाल और कुछ दूसरे लोगों के फोन टेप करने की शिकायतें मिली हैं।