नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि अंगदान करने के लिए लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्र सरकार ने पोर्टेबिलिटी की दिशा में काम किया है। इसकी आयु सीमा 65 को हटा दिया गया और अंगदान के संबंध में एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है। इस डिजिटल प्लेटफार्म में ऐसे लोगों की जानकारी है, जिन्होंने अंगदान करके दूसरे कई लोगों को जीवनदान दिया है।
यह बातें उन्होंने गुरुवार को नई दिल्ली में 13वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे इस संबंध में ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को जागरूक करें। व्यापक तौर पर जागरूकता का अभियान चलाएं। इससे अंगदान करने के प्रति लोगों को प्रेरणा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि देश में हर साल 2 लाख से ज्यादा अंग की आवश्यकता है लेकिन उपलब्धता 10 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा कि साल 2013 में सालाना 5 हजार अंगदान होते थे, जिसकी संख्या 2023 में बढ़कर 15 हजार हो गया है। उन्होंने कहा कि अंगदान के प्रति लोगों की रुचि बढ़ाने की आवश्यकता है। दान, सेवा और दूसरों की मदद हमारी जीवन शैली है। कोरोना में भारत ने दुनिया की मदद कर इसका उदाहरण दिया है। अंगदान को बढ़ावा देने के लिए सरकारी कोशिशों के साथ नागरिकों की भी भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हर राज्य में दो दिन की चिंतन बैठक होनी चाहिए। राज्य में अंगदान की संख्या कैसे बढ़े, इसके लिए चिकित्सकों, विशेषज्ञों और नागरिकों के साथ ग्रुप बना कर, चर्चाएं चलनी चाहिए। बैठकों के नतीजों से एक विजन तैयार होना चाहिए।