बारहवीं के बाद रास्ते और भी हैं…

asiakhabar.com | March 15, 2020 | 5:37 pm IST
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हो सकता है आपकी रुचि साइंस में न हो और परिवार के दबाव में मेडिकल, इंजीनियरिंग की तैयारी में जुटे हों
और दो साल बरबाद करने के बाद आपको इस बात का अहसास हो कि मुझे तो आईएएस की तैयारी करनी थी।
यही वो समय है जब आप ठहरकर थोडी देर सोचें, काउंसलर की सलाह लें और तब कोई कदम उठाएं। गाइडेंस न
मिलने के कारण यादातर स्टूडेंट्स अपने दोस्तों की देखा-देखी ही कोर्स चुन लेते हैं।12 वीं पास करने के साथ ही छात्र असमंजस में होते हैं। क्या करें आगे कौन से विषय में पढाई करें या कोई
प्रोफेशनल कोर्स करेंसबकुछ अधर में होता है। सबसे ज्यादा परेशानी तो करियर को लेकर ही होती है। क्योंकि इस
समय एक भी आपका उठाया गया कदम आपकी जिंदगी को निर्धारित करता है। हो सकता है आपकी रुचि साइंस
में न हो और परिवार के दबाव में मेडिकल, इंजीनियरिंग की तैयारी में जुटे हों और दो साल बरबाद करने के बाद
आपको इस बात का अहसास हो कि मुझे तो आईएएस की तैयारी करनी थी।
यही वो समय है जब आप ठहरकर थोडी देर सोचें, काउंसलर की सलाह लें और तब कोई कदम उठाएं। गाइडेंस न
मिलने के कारण यादातर स्टूडेंट्स अपने दोस्तों की देखा-देखी ही कोर्स चुन लेते हैं। दूसरों की देखा-देखी या फिर
अभिभावकों के दबाव से किसी कोर्स का चुनाव हर स्टूडेंट के लिए सही नहीं माना जा सकता, क्योंकि ऐसी स्थिति
में आगे चलकर छात्र के प्रदर्शन के साथ-साथ उसका करियर भी प्रभावित हो सकता है। चूंकि अब विकल्पों की कमी
नहीं है, इसलिए अपनी पसंद के कॅरियर का ध्यान रखकर उससे संबंधित कोर्स करना ही आपके भविष्य के लिए
सही होगा।
साइंस स्ट्रीम:- साइंस स्ट्रीम से बारहवीं करने वाले स्टूडेंट्स अब बायोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे
विषयों में भी स्नातक करने का विकल्प तलाश सकते है। यदि वे टेक्निकल या प्रोफेशनल कोर्स करना चाहते हैं, तो
इंजीनियरिंग (बारहवीं पीसीएम के बाद) और मेडिकल (पीसीबी) स्ट्रीम चुन सकते हैं। लेकिन इंजीनियरिंग या
मेडिकल लाइन (एमबीबीएस आदि) के लिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। इंजीनियरिंग की
तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अनेक कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स, जैसेएआईईईई, आईआईटीजेईई, गेट आदि के टेस्ट देकर
इंजीनियरिंग के विभिन्न क्षेत्रों, मसलन-मैकेनिकल, एयरोनॉटिकल, कैमिकल, आर्किटेक्टर, बायोमेडिकल,
इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर साइंस, आईटी आदि में प्रवेश ले सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, मेडिकल फील्ड की ओर रुख
करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एमबीबीएस कोर्स के अलावा करियर के तौर पर माइक्रोबायोलॉजी, फिजियोथेरेपी,
वेटेरिनरी साइंस, होम्योपैथी, डेंटिस्ट्री आदि क्षेत्रों के विकल्प हैं।
कॉमर्स स्ट्रीम:- कॉमर्स स्ट्रीम में कॅरियर बनाने वालों के लिए बीकॉम (पास) और बीकॉम (ऑनर्स) का विकल्प है।
इसके जरिए आप बिजनेस अकाउंटिंग, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, बिजनेस लॉ, बिजनेस
फाइनेंस, मार्केटिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन आदि विषयों में स्नातक कर सकते हैं। कॉमर्स स्ट्रीम चुनने वालों के
लिए भविष्य में एमबीए, सीएस, सीए, फाइनेंशियल एनालिस्ट जैसे तमाम कॅरियर ऑप्शंस बांहें फैलाए रहते हैं।
आट्र्स स्ट्रीम:- इस स्ट्रीम में ऐसे कई विषय हैं, जिनकी पढ़ाई करके सरकारी और निजी क्षेत्रों में कॅरियर की ऊंचाई
छुई जा सकती है। इस स्ट्रीम में स्नातक के इच्छुक स्टूडेंट्स अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, इतिहास, राजनीति शास्त्र,
दर्शनशास्त्र, समाजशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी आदि विषयों का चयन कर सकते हैं।सदाबहार ऑप्शंस:- आट्र्स विषय पढ़ने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स वैसे तो सिविल सर्विस की तैयारी में जुटे रहते हैं,
लेकिन इसके अलावा प्रोफेशनल तौर पर एमबीए, जर्नलिम, मार्केट एनालिसिस, टीचिंग, एंथ्रोपोलॉजी, ह्यूमन
रिसोर्स, एमएसडब्लू आदि क्षेत्रों में भी काफी करियर ऑप्शंस मौजूद हैं।
प्रोफेशनल कोर्सेज:- ऐसे कई प्रोफेशनल कोर्स मौजूद हैं, जिन्हें करने के बाद खासकर कॉर्पोरेट वल्र्ड में खास मुकाम
हासिल किया जा सकता है। इनमें आईटी और मैनेजमेंट फील्ड से संबंधित कोर्स प्रमुख हैं। इन कोर्सों की खूबी यह
है कि इन्हें करने के बाद अक्सर कैंपस रिक्रूटमेंट के जरिए बडी-बडी क़ंपनियों द्वारा आकर्षक पैकेज पर जॉब
प्लेसमेंट कर लिया जाता है।
शार्ट टर्म कोर्स:- मौजूदा वक्त में एनिमेशन, ग्राफिक डिजाइनिंग, एस्ट्रोनॉमी, लिंग्विस्टिक, एविएशन आदि के शॉर्ट
टर्म कोर्स कर आप अपना कॅरियर संवार सकते हैं। यह शॉर्ट टर्म कोर्स आप कोई और रेगुलर कोर्स या जॉब करते
हुए भी कर सकते हैं।


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