बरसात में बच्चों को बचाएं बोन फ्रैक्चर से

asiakhabar.com | November 13, 2024 | 5:38 pm IST
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बरसात के मौसम में फिसलन आम बात है। बच्चे कुछ ज्यादा ही उछल-कूद करते हैं अतः उनका गिरना और गिरने पर बोन फ्रैक्चर होना भी स्वाभाविक है जो न केवल अत्यंत पीड़ादायक होता है अपितु इससे उनकी पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है। यदि हम कुछ सावधानियां रखें तो इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
बरसात के दिनों में छत पर अथवा खुली बालकनी में लगातार पानी बरसने से काई जम जाती है जो अत्यंत फिसलन भरी होती है अतः ऐसे स्थानों पर जाते समय पूरी सावधानी रखनी चाहिए। बरसात में चिकनी मिट्टी भी अत्यधिक फिसलन भरी हो जाती है अतः गीली चिकनी मिट्टी पर चलते समय विशेष सावधानी बरतें।
बर्फ के टुकड़े तथा ओले भी फिसलन उत्पन्न करते हैं। सपाट-चिकने फर्श पर यदि ओले गिरे हों तो उस पर कभी नहीं चलना चाहिए। किचन में कई बार बर्फ के टुकड़े या आइसक्यूब बिखर जाते हैं, जिनसे किचन का फर्श गीला ही नहीं, फिसलनयुक्त भी हो जाता है अतः ऐसे टुकड़ों को फौरन हटाकर फर्श साफ कर देना चाहिए।
कई बार फर्श पर फैली कुछ चीजें भी फिसलने का कारण बन जाती हैं जैसे कंचे अथवा गोल आकार के साबुत दालों जैसे ठोस बीज। इन पर पैर आने से गिरना लाजमी है। अतः फर्श को साफ रखना चाहिए और यदि इस प्रकार की चीजें बिखरी हों तो देख कर सावधानीपूर्वक चलना चाहिए।
जिन स्थानों पर प्रायः पानी टपकता रहता है अथवा अन्य कारणों से गीला रहता है वहां भी काई जमने से फिसलन पैदा हो जाती है अतः ऐसे स्थानों पर पानी के रिसाव को रोकने का उपाय करना चाहिए।
यदि पानी के नल टपक रहे हों तो उनके वाशर आदि बदलवा देने चाहिएं। इससे न केवल अमूल्य जल का दुरुपयोग रुकेगा अपितु संभावित दुर्घटनाओं से भी सुरक्षा मिलेगी।
इसके अतिरिक्त हम सामान्य अवस्था में भी निम्रलिखित सावधानियां रखकर बच्चों को बोन फ्रैक्चर से बचा सकते हैं:
1 बाथरूम के फर्श को साफ करके बाहर आएं।
2 जब भी नहाएं या कपड़े धोएं, साबुन को ठीक स्थान पर रखें।
3 साबुन के छोटे-छोटे टुकड़ों को भी फर्श से बिल्कुल साफ कर दें।
4 साबुन को फर्श पर रखने की बजाय साबुनदानी में ही रखें।
5 किचन के फर्श को भी चिकनाई और गीलेपन से मुक्त रखें।
6 फलों के छिलके सड़क पर अथवा गली में नहीं, घर में रखे डस्टबिन में डालें।
7 केले खाने के बाद छिलके फर्श पर डालने की बजाय सीधे किसी प्लेट में रखें तथा बाद में डस्टबिन में डाल दें।
8 सफर के दौरान पहनने के लिए उचित प्रकार के कपड़ों और जूतों का चुनाव करें।
9 जहां बिल्डिंगों की सीढियां और जीनों की सीढियां घिस-घिस कर चिकनी हो गई हों,वहां अत्यंत सावधानीपूर्वक चलें।
10 बसों अथवा रेलगाडियों में चढ़ते-उतरते वक्त भी सावधानी बरतें।
11 शरीर में लोच बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य के नियमों का पालन करें।
12 अधिकाधिक मात्रा में सादा और प्राकृतिक भोजन लें तथा पर्याप्त मात्रा में फलों और सब्जियों का प्रयोग करें।
13 बच्चों की हड्डियां मजबूत बनें, इसके लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में दूध तथा कैल्शियमयुक्त भोजन दें।
14 दौड़ते या व्यायाम करते समय शरीर का संतुलन बनाए रखें।
15 बच्चों को चोट और पीड़ा से बचाने के लिए उन्हें यथासंभव उचित परिवेश उपलब्ध कराना हम सबका ही दायित्व है, अतः हम सदैव सचेत रहें और दुर्घटना होने पर फौरन मदद के लिए आगे आएं।


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