जब बच्चे अपना स्कूल फिनिश कर कॉलेज में एंट्री कर रहे होते हैं तो जाहिर सी बात है उन पर दोस्तों,
संगी-साथियों और हमउम्र लोगों का अतिरिक्त प्रेशर होता है। इन सबके बीच किसी अच्छे कॉलेज में
ऐडमिशन लेना, अपने करियर को बेहतर दिशा देना और दोस्तों के एक अच्छे ग्रुप का हिस्सा बनने का
भी प्रेशर बच्चों पर होता है। क्योंकि इस उम्र के बच्चे, दरअसल अब बच्चे नहीं होते बल्कि टीनएज हो
चुके होते हैं जो वयस्क होने के बॉर्डर लाइन पर होते हैं। ऐसे में कई तरह के प्रेशर और परेशानियों से
गुजर रहे बच्चे का साथ देने के लिए पैरंट्स को कुछ जरूरी टिप्स और ट्रिक्स अपनाने चाहिए।
साइकॉलजिस्ट बी जैनेट हिब्स की मानें तो बच्चे को स्ट्रेस से लड़ने में मददगार हो सकते हैं पैरंट्स। ऐसे
में पैरंट्स को इन जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए…
-पैरंट्स को बच्चों से बात करनी चाहिए और जहां तक संभव हो बच्चे को प्रोत्साहित करें कि वह अपनी
हर तरह की फीलिंग्स माता-पिता के साथ शेयर करें।
-माता-पिता और बच्चे के बीच का संवाद नेगेटिव इमोशन्स से गुजर रहे बच्चे के लिए कई तरह से
फायदेमंद साबित हो सकता है।
-हिब्स कहती हैं कि पैरंट्स को बच्चों से पूछना चाहिए-कॉलेज में तुम्हारा समय कैसा बीत रहा है? अगर
किसी तरह की कोई समस्या आती है तो तुम क्या करते हो? इन दिनों तुम कॉलेज में क्या-क्या करते
हो? क्या तुम अपनी बातें किसी के साथ शेयर करते हो?
-सबसे पहले पैरंट्स को अपनी टेंशन और ऐंग्जाइटी पर कंट्रोल रखना चाहिए तभी वे बच्चों की परेशानी
को अच्छी तरह से समझ पाएंगे।