जब बच्चा करीब चार से छह महीने का हो जाता है तब आप धीरे-धीरे उसे मां के दूध के अलावा खाने
की और चीजें भी देना शुरू कर सकते हैं। जब हम बच्चे को मां के दूध के अलावा खाने की दूसरी चीजें
भी देना शुरू कर देते हैं, हम कहते हैं कि हम ऊपरी खाना दे रहे हैं। मां का दूध पौष्टिक होता है। मां के
दूध में खाने के वे पौष्टिक तत्व काफी मात्रा में होते हैं जो बच्चे को चार से छह महीने की उम्र तक
चाहिए होते हैं। लेकिन चार से छह महीने के बाद सिर्फ मां का दूध उसके लिए काफी नहीं है। बढ़ते हुए
बच्चे को अतिरिक्त भोजन की जरूरत होती है। अगर आप उसे यह भोजन नहीं देते हैं तो बच्चा ठीक से
नहीं बढ़ेगा। उसका विकास रूक जायेगा।
बच्चे को शुरू में आप खाने की सरल चीजें दे सकते हैं। आप उसे भैंस, बकरी या गाय का दूध दे सकते
हैं और आलू, नरम बीन, गाजर और हरी पत्तों वाली सब्जियां मसल कर दे सकते हैं। गाय बकरी या भैंस
के दूध में थोड़ा-सा पानी मिलाकर दें। जिससे बच्चा उसे आसानी से पचा सके। जब बच्चा पांच-छह
महीने का हो जाता है वह दलिया खा सकता है। आप उसे गेहूं और ज्वार-बाजरा का दलिया दे सकते हैं।
दलिये में थोड़ी सी दाल मिलाना न भूलिए। कुछ माता-पिता अपने बच्चे को दालें खिलाना नहीं चाहते हैं।
वे सोचते हैं कि दालें खाने से बच्चे के पेट में अफारा (फूलना) उठता है। लेकिन दाल देने से दलिया
अधिक पौष्टिक हो जाता है और बच्चे भी दाल काफी बड़ी मात्रा में पचा सकते हैं।
आप बच्चे के दलिए में हरी पत्ती वाली सब्जियां भी मिला सकते हैं। हरी पत्ती वाली सब्जियों में बहुत से
पौष्टिक तत्व होते हैं जैसे कि विटामिन ए, विटामिन सी, लोहा और कैल्शियम। ये तत्व आंखों के लिए
अच्छे हैं और उन्हें खाने से खून और हड्डियां भी स्वस्थ बनती है। खिचड़ी एक पौष्टिक, भोजन हैं और
छोटा बच्चा इसे आसानी से पचा सकता है। इस विधि में दी गयी मात्रा से बनी खिचड़ी एक बच्चे के
दिन भर के लिए काफी है।
खिचड़ी
सामग्री:- चावल 3-1/2 बड़े चम्मच (50 ग्राम), मूंग पत्ते वाली सब्जियां (पालक) 15 ग्राम, नमक जितनी
जरूरत हो।
आप नीचे लिखे तरीके से खिचड़ी बना सकते हैं:-
-चावल और दाल को इकट्ठा मिला लीजिए। मिलाकर साफ कीजिए, धो लीजिए और फिर पकाइये।
-पालक पका लीजिए। उसके बाद एक साफ कपड़े में रखकर छान लीजिए।
-छने हुए पालक का सत्त (रस) इकट्ठा कर लीजिए।
-इस सत्त (रस) को पके हुए चावल और दाल में मिला दीजिए।
-अब इसमें नमक मिलाइये।
-इन सबसे मिलाकर चम्मच से मिलाइये। अब स्वादिष्ट खिचड़ी तैयार है। इस आपके लाडले बड़े चाव से
खाकर आराम से पचा भी लेंगे।
शिशु केले जैसे नरम, पके हुए फल खाना पसन्द करते हैं। मसले हुए फल ऊपरी खाना शुरू करने पर दी
जाने वाली अच्छी खाने की चीजें हैं। ये पौष्टिक होते हैं और बच्चा उन्हें आसानी से पचा सकता है। संतरे
और मौसमी जैसे फलों का रस भी दूध छुड़ाना शुरू करने पर दी जाने वाली खाने की अच्छी चीजें हैं।
इनमें विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है।
जब बच्चा एक साल का हो जाता है वह अण्डा, मांस, मछली खा सकता है। शुरू में उसके लिए अण्डों को
कम उबलिये। अगर आप खाने की ये चीजें खरीद सकते हैं तो अपने बच्चे को जरूर खिलाइये। शायद मां
को हर रोज ये खाने की ताजा चीजें तैयार करने का समय न मिले। इसलिए वह खाने के पाउडर तैयार
करके रख सकती है।
खाने के यह पाउडर आप बड़ी आसानी से तैयार कर सकते हैं। पहले अनाजों जैसे कि गेहूं, रागी, बाजरा
आदि को भी लीजिए। दालों जैसे कि चना और मूंग को भी भूल लीजिए। उसके बाद इनको अलग-अलग
पीस लीजिए। उसके बाद आप इन पाउडरों को इकट्ठा मिला सकते हैं। मिलाकर एक साफ टिन में भर
दीजिए। अब आप इसे कुछ महीनो तक रख सकते हैं। कुछ महीने तक ये ताजे रहते हैं। जब भी आपको
बच्चे को दलिया खिलाना हो, आप इस पाउडर से आसानी से तैयार कर सकेंगे। आप दलिये में दूध भी
मिला सकते हैं। दूध मिला देने से दलिया अधिक पौष्टिक बनता है। अगर आपके पास रागी नहीं है तो
आप गेहूं या बाजरा इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपके पास चने की दाल नहीं है तो आप कोई अन्य
दाल इस्तेमाल कर सकत हैं।
आप बच्चे को छूत लगने से कैसे बचा सकते हैं?
ऊपरी खाने की चीजों को आप जब तैयार करते हैं तो वे कुछ बातें याद रखिए। अगर आप इन नियमों
का पालन करते हैं तो आप बच्चे को छूत लगने से बच सकते हैं।
-खाना बनाना शुरू करने से पहले अपने हाथ धोने याद रखिये।
-सावधानी से बच्चे के बर्तन, कप, गिलास, धो लीजिए।
-जिन बर्तनों में खाना पकेगा, उन्हें भी अच्छी तरह धो लीजिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सी हिन्दुस्तानी माताएं अपने शिशुओं को दूध के साथ खाने की दूसरी चीजें नहीं
देतीं। वे यह सोचती है कि बच्चा ठोस या अर्ध-ठोस खाने को पचा नहीं सकेगा पर उनका यह विश्वास
सही नहीं है। अगर आप ये तीन बातें याद रखें तो आपका बच्चा खाने की अतिरिक्त चीजें आसानी से
पचा सकेगा:-
-उसे खाने की सही चीजें दीजिए।
-उसका खाना ठीक से पकाइये।
-खाने की चीजें शुरू में बहुत कम मात्रा में दीजिए और फिर धीरे-धीरे उनकी मात्रा बढ़ाइये।
-शुरू में बच्चा खाने की अतिरिक्त चीजें शायद पसन्द न करें। पर आप बच्चे को तब तक फुसलाते रहें
जब तक कि वह उन्हें खाने न लगे।
आपको बच्चे को दिन में कितनी बार खिलाना चाहिए? छोटा बच्चा एक बार में बहुत कम खाना खा
सकता है। पर खाने की यह मात्रा उसकी तंरूदस्ती और वृध्दि के लिए काफी नहीं है। आपके लिए यह
देखना जरूर है कि बच्चे को हर रोज खाना काफी मात्रा में मिल जाए। इसलिए आप बच्चे को दिन में 4-
5 बार खाना खिलायें।